नई दिल्ली: मीडिया की स्वतंत्रता का हनन और पत्रकार की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमले से जुड़े मुद्दों पर आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कांफ्रेंस का अयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का अयोजन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, भारतीय महिला प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली संघ पत्रकार, डीजीपब न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने किया था।
इस कार्यक्रम में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट उमाकांत लखेरा, द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वर्दराजन सहित देश के कई वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट उमाकांत लखेरा ने कहा कि वर्तमान दौर में संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दौर 1975 के इमरजेंसी के दौर के समान ही चल रहा है जहां प्रेस की आज़ादी छीन ली गई है बस आधिकारिक रूप से इमरजेंसी लागू नहीं किया गया है।
साथ ही उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की बात की कि उसे जिस तरह से टार्गेट किया जा रहा है वह बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि जुबैर को जिस ट्वीटर हैंडल की शिकायत से गिरफ्तार किया गया है उस हैंडल की भी पुष्टि नहीं हो पाई है कि आखिर वह किसका हैंडल है और कहां का है।
उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस सबूत के उसे 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है, साथ ही उन्होंने कहा कि पत्रकार कोई हथियार नहीं लेकर चलते हैं जो समाज के लिए खतरा हो। सिस्टम ने एक तरह का डर का माहौल बना रखा है वह चाह रहा है कि मीडिया वालों पर डर का माहौल बना रहे।
वहीं प्रेस को संबोधित करते हुए द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वर्दराजन ने कहा हर मीडिया संस्थानों को आपसी विचारधारा को एक साइड रख कर साथ में मिलकर प्रेस की स्वतंत्रता और उनके न्याय की बात करनी होगी। भारतीय महिला प्रेस कोर की प्रेसिडेंट ने कहा कि हम प्रेस की आज़ादी के लिए हमेशा साथ खड़े हैं। वहीं वहां के वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकारों ने कहा कि अगर आज हमने इस जुल्म और अत्याचार के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई तो अगला नंबर हमारा भी हो सकता है।
रिपोर्ट : (नसीम अख्तर)