नई दिल्ली : देश में राष्ट्रपति का चुनाव करीब है। निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान करते हुए चुनाव की तारीख 18 जुलाई रखी है।
बीते रोज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे० पी० नड्डा ने NDA की ओर से आधिकारिक घोषणा करते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया।
कौन हैं? द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरगंज जिले के बैदपोसी गांव में हुआ। उनके पिता का नाम बिरांची नारायण टुडु है। वे आदिवासी जातीय समूह, संथाल से संबंध रखती हैं।
द्रौपदी का बचपन गरीबी और अभावों के बीच बीता। ऐसी स्थिति में भी संघर्ष करते हुए उन्होंने ऊंचाइयों को छुआ। उन्होंने बीए तक शिक्षा हासिल की है।
द्रौपदी सिंचाई और बिजली विभाग में 1979 से 1983 तक जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम कर चुकी हैं। वर्ष 1994 से 1997 तक उन्होंरे रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीगरल एजुकेशन सेंटर में असिस्टेंट टीचर के तौर पर भी सेवाएं दीं।
वर्ष 2000 और 2004 में द्रौपदी मुर्म बीजेपी के टिकट पर रायरंगपुर सीट से विधायक चुनी गई थीं। वे बीजेपी एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुकी हैं। वर्ष 2007 में द्रौपदी को ओडिशा विधानसभा के बेस्ट एमएलए ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया था।
ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी गठबंधन सरकार में द्रौपदी मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने मार्च 2000 से कई 2004 तक राज्य के वाणिज्य व परिवहन था मत्स्य और पशु संसाधन विकास विभाग के मंत्री का पद संभाला।
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की ऐसी पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने वर्ष 2000 में इस राज्य के गठन के बाद पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने वर्ष 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल का पद संभाला।
द्रौपदी मुर्म यदि राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतती है (एनडीए के संख्या बल को देखते हुए जिसकी पूरी संभावना है) तो वे देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।
जीतने की स्थिति में ओडिशा राज्य से देश के शीर्ष पद तक पहुंचने वाली वे पहली शख्सियत होंगी। विपक्ष की ओर से रिटायर्ड IAS ऑफिसर और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है!