नई दिल्ली, राजस्थान राज्य के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भारत के प्रमुख इबादतगाहों में से एक है। यह दरगाह गुलाबी नगरी जयपुर से करीब 135 किलोमीटर दूर चारों तरफ अरावली की पहाड़ियों से घिरे अजमेर शहर में स्थित है।
अजमेर शरीफ की दरगाह के नाम से यह देश के साथ साथ पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का बेहद ख़ूबसूरत एवं आर्कषक मकबरा है। इसे ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती एक प्रसिद्ध सूफी संत होने के साथ-साथ इस्लामिक विद्धान और दार्शनिक थे।
ख्वाजा साहब की दरगाह में हर मजहब के लोग अपनी मुरादें ले कर आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भी ख्वाजा के दर पर आता है कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है, यहां आने वाले हर शख्स की मुराद पूरी होती है। ख्वाजा के दर पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेई समेत कई नामचीन और मशहूर शख्शियत भी पहुंच चुके है। इसके साथ ही ख्वाजा के दरबार में अक्सर बड़े-बड़े राजनेता एवं सेलिब्रिटीज आते रहते हैं और अपनी अकीदत के फूल पेश करते हैं और अपनी आस्था की चादर चढ़ाते हैं।
अंजुमन सैयद जादगां दरगाह शरीफ़ अजमेर के दर की देखरेख के लिए हर तीसरे साल यहां एक इंतजामिया कमेटी का चुनाव होता है यह चुनाव खुद्दमे ए ख़्वाजा के बीच होता है। हाल ही में यहां चुनाव का समापन हुआ। इस बार के चुनाव में सैयद सरवर चिश्ती साहब और सैयद गुलाम किबरिया साहब की पार्टी ने क्लीन स्वीप के साथ जबरदस्त जीत हासिल की। आगामी 26 जून को सैयद गुलाम किबरिया साहब सदर का और सैयद सरवर चिश्ती साहब सेक्रेटरी का पद संभालेंगे।