जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ में पुलिस का जवान ‘मुदासिर शेख’ शहीद, पिता ने कहा- जानता था बेटा लौटेगा नहीं, मुझे उसपर गर्व है

नई दिल्ली, जम्मू कश्मीर में एक और पुलिसकर्मी का मुस्लिम जवान शहीद हो गया। इससे पहले श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की मौत हो गई। उनपर हुए हमले में उनकी 9 साल की बेटी भी घायल हो गई थी।

अब मुदासिर अहमद शेख ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। जिस तरह मुसलमानों को बदनाम किया जाता है अहमद शेख ने एक मिसाल कायम की है। उनकी बाहुदरी से सैकड़ो लोगों की जान बच गई।

वहीं सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले अहमद शेख के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा कभी वापस नहीं आएगा, लेकिन उसने आतंकवादियों को बेअसर करके सैकड़ों लोगों की जान बचाई।

अहमद शेख ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से तीन दिन पहले आखिरी बार बात की थी। शहीद जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद भी बारामूला मुठभेड़ का एक हिस्सा था जिसमें मंगलवार को पाकिस्तानी आतंकवादी मारे उसी हमले में उनकी मौत हो गई। उरी के मुदासिर को उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। पुलिस ने बताया कि एनकाउंटर में आतंकी संगठन के तीन आतंकी भी मारे गए। यह काम अहमद शेख ने किया है, उन्होंने अपनी बाहदुरी से उनसे जंग की। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने एसपीओ मुदस्सिर अहमद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। दरअसल, डीजीपी ने हाल ही में बारामूला का दौरा किया था और मुदस्सिर को सम्मानित किया था।

बता दें कि एक शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमले में शामिल आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने वाले दल में भी जांबाज मुदस्सिर शामिल थे। आखिर मुदस्सिर अहमद ने साबिक किया है कि मुसलमान को अपनी देश भक्ति देने की जरूरत नहीं है, वह भी अपने देश के लिए जान कुर्बान करते है, करते आए है।

 

SHARE