नई दिल्ली : कांग्रेस नेता व पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में 1 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
दरअसल यह रोड रेज मामला 1988 का है जब सिद्धू भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते थे। सिद्धू को इस मामले में पहले कोर्ट से राहत मिल चुकी थी। परन्तु इस मामले में जिस व्यक्ति की मौत हुई थी उनके परिवार वालों ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी। 1988 के रोड रेज मामले में सिद्धू के खिलाफ़ IPC की धारा 323 के तहत केस दर्ज़ हुआ था। इस धारा के अंतर्गत दोषी को एक साल तक की सजा हो सकती है।
क्या था मामला?
सिद्धू पर पटियाला में सड़क पर हुए विवाद के दौरान गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट करने का आरोप है, जिनकी अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई थी। यह घटना 27 दिसंबर 1988 का है।
इस घटना के बाद पटियाला पुलिस द्वारा सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह के खिलाफ़ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था। निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में सिद्धू को 1999 में इस मामले से बरी कर दिया था।
लेकिन पीड़ित परिवार इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया। उनका आरोप था कि सिद्धू के मुक्का मारने की वजह से गुरनाम सिंह का ब्रेन हेमरेज हो गया था, जिस कारण उनकी मौत हो गई थी।
इस मामले पर हाई कोर्ट ने 2006 में सिद्धू को 3 साल के कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सिद्धू को 1 हजार रुपए जुर्माना लगाकर इस मामले से बरी कर दिया था।
हालांकि गुरनाम सिंह के परिजनों ने फिर इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी । और आज इस मामले की दुबारा सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई।