सरकार कर वसूल करती है, मालिक नोट कमाता है और मजदूरों की जान चली जाती है।
प्रेस रिलीज़ 14-05-22 नई दिल्ली
मुंडका में एक सीसीटीवी कैमरा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुई, यह एक दर्दनाक हादसा है। दिल्ली मे आये दिन आग लगने के हादसे होते रहते हैं जिसमें जानें चली जाती हैं। दिल्ली सरकार की ऐसी दुर्घटनाओं से बचने की कोई योजना नहीं है। इस तरह की दुर्घटनाओं से सीख लेना चाहिए।
यह विचार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्त्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने प्रेस को जारी एक ब्यान मे व्यक्त किए। उन्होनें कहा कि ये दुर्घटनाएं भ्रष्टाचार के कारण होती हैं। सरकार टैक्स वसूलती है, मालिक नोट कमाता है और मजदूरों की जान चली जाती है।
मुंडका मामले में इस बात की जांच होनी चाहिए कि आग बुझाने वाले यंत्र थे या नहीं, कंपनी के मालिक के पास एनओसी थी या नहीं। ऐसी इमारतों में दुर्घटना की स्थिति में बचने के लिए आपातकालीन निकास व ज़ीना होना चाहिए।
कलीमुल हफ़ीज ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा सरकारों की पहली जिम्मेदारी है, लेकिन सरकारें नागरिकों के कल्याण के बजाय धर्म की राजनीति कर रही हैं। पीड़ितों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए मजलिस अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार पर उन्हें कम मुआवज़ा देने का आरोप लगाया और कहा कि दस लाख रुपये का मुआवजा उनका अपमान है।
कम से कम पचास लाख का मुआवज़ा प्रत्येक परिवार को दिया जाना चाहिए। दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिवार से किसी एक व्यक्ति को नौकरी दी जानी चाहिए। दुर्घटना में घायल हुए लोगों का इलाज सरकार के खर्चे पर किया जाए और उनके घर का पूरा खर्च तब तक वहन किया जाए जब तक वे काम करने की स्थिति में न हों।
दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और इस जांच की रिपोर्ट प्रकाशित की जानी चाहिए। अभी तक दिल्ली सरकार ने कोई जांच रिपोर्ट जनता के लिए प्रकाशित नहीं की है, न ही किसी अपराधी को दंडित किया गया है। यदि अपराधी को दंडित कर दिया जाए तो ऐसी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है। और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए