खरगोन में पुलिस की एकतरफा कार्रवाई पर मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन, देर रात घरों में घुसकर दुर्व्यवहार करने का लगाया आरोप

नई दिल्ली: (रुखसार अहमद) मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी की रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई शुरू की है।

खरगोन में पहले मुसलमानों के घरों को गिराया गया, उसके बाद पुलिस ने भी एकतरफा कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। लेकिन अब पुलिस की इस कार्रवाई पर  वहां की मुस्लिम महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है।

मुस्लिम महिलाएं हक के लिए सड़को पर उतर आई है और पुलिस पर आरोप लगते हुए कह रही है कि बेगुनाह लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है। वहीं पुलिस  कार्रवाई के नाम पर मुसलमानों को परेशान कर रही है।

प्रमाण नहीं होने के बावजूद पुरूषों को जेल में डाला जा रहा है। कई महिलाओं ने आरोप लगते हुए कहा कि 12-14 साल के बच्चों को भी दंगाई बताकर मामले-मुकदमे कायम कर लेने और उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।

महिलाओं के इस प्रर्दशन का वीडियो सोशल माडिया पर भी वायरल भी हो रहा है। प्रर्दशन में शामिल डॉक्टर सफिया ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘25 दिनों के बाद भी एकतरफा कार्रवाई आखिर क्यों की जा रही है? कार्रवाई 10 तारीख को भड़के दंगों के बाद होना थी।’

उन्होंने कहा, ‘नमाज़ और इफ्तार के वक्त डीजे बजाकर भड़काने और बाद में मुस्लिमों को टारगेट करने वालों के फुटेज हमारे पास भी हैं। हमने वह फुटेज पुलिस को दिए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

पुलिस अब 12 और 14 साल के बच्चों को उठाकर उनके मन में नफरत के बीज डाल रही है।’एकतरफा कार्रवाई पर ऐतराज जताने पहुंची बुशरा शेख ने भी पुलिस और प्रशासन को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘मुस्लिमों पर पत्थर बरसाने का आरोप लगाया गया है, क्या हिन्दुओं ने हम पर फूल बरसाये थे?’ बुशरा बोलीं, ‘25 दिनों के बाद घर लौटे हैं। पुलिस ने जीना दुश्वार किया हुआ है।

देर रात घरों की तलाशी लेने आते हैं। दरवाजे तोड़ते हैं। महिलाओं की लात-घूसों, डंडों से बर्बर पिटाई की जा रही है। घर के पुरुष कहां हैं? बताने के लिए जुल्म की हदें की जा रही हैं। पत्थर फेंकते अथवा दंगा करते जिनके वीडियो फुटेज और प्रमाण नहीं हैं, उन्हें भी जेल में डाला गया है। नासमझ बच्चों को भी पुलिस नहीं बख्श रही है।’

बता दें कि प्रोटेस्ट में शामिल महिलाओं ने 10 अप्रैल और इसके बाद हुए दंगा करने में शामिल रहे लोगों की नामजद शिकायतें की हैं। राजू शर्मा, दीपक कानूनगो, मनोज वर्मा, श्याम महाजन, रवि वर्मा रणजीत डंडीर, अनिल गुप्ता और रवि जायसवाल आदि के नाम तथा इनके द्वारा कथित तौर पर की गई हिंसा का पूरा ब्यौरा शिकायतकर्ता महिलाओं ने दिया है।

वहीं इस मामले में महिलाओं ने मुस्लिम नौजवानों एवं बच्चों पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा है। जिसके बाद खरगोन के ASP नीरज चौरसिया ने कहा है कि मामले की जाँच की जाएगी और बेगुनाहों को रिहा किया जाएगा।

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