नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट से मुस्लिम महिलाओं को ऐप के जरिए निशाना बनाने वाले मुख्य आरोपियों को जमानत मिल गई है। कोर्ट ने नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर को मानवीय आधार पर रिहा कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने पहली बार कोई अपराध किया है ऐसे में उनका लम्बे समय तक जेल में नहीं रख सकते है। इस मामले में केस लम्बा चलेगा, इसलिए उन्हें जमानत देने में ही भलाई है।
पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कहा, इस मामले में जांच पूरी हो गई है 4 मार्च को चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। कोर्ट ने दोनों को 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दी है। बता दें कि 9 जनवरी 2022 को दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा था।
नीरज बिश्नोई के खुलासे के बाद ही ओंकारेश्वर को अरेस्ट किया गया था। प्रोसिक्यूशन ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जांच जारी है और मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। बेल मिलने के बाद दोनों गवाहों को धमका सकते हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं
दरअसल सुल्ली डील्स ऐप जुलाई 2021 में गिटहब प्लेटफॉर्म पर बनाया गया था। जिसमें मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक भाषा के साथ नीलामी के लिए बोली लगाई जाती थी। इसमें उन महिलाओं को रखा गया था, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थीं। मामले में पहली FIR एक जनवरी को हुई थी। मामले की जांच दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु पुलिस ने की थी।