नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार उमर खालिद को UAPA मामले में कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। उमर की जमानत अर्जी को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बता दें कि
पुलिस ने यूपीपीए के तहत उमर खालिद को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि उमर खालिद कई वॉट्स एप ग्रुप का हिस्सा थे।
जिनके जरिए हिंसा की साज़िश रची गई थी। उमर ने हिंसा के लोगों को भड़काया था। इतना ही नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जब दिल्ली आए थे, तब उमर ने लोगों को सड़कों पर आने के लिए कहा था। ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हो सके।
पुलिस ने कहा था कि हिंसा की साज़िश के लिए उमर खालिद ने आप पार्षद ताहिर हुसैन और इंडिया अगेंस्ट हेट से जुड़े खालिद सैफी के साथ मीटिंग भी की है। कोर्ट में बहस के दौरान उमर खालिद की तरफ से सभी आरोपों को फ़र्ज़ी और मनगढ़ंत बताया गया था।
उमर के वकील ने कोर्ट में कहा था कि किसी मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाना अपराध नहीं है। उमर खालिद वॉट्स ग्रुप में थे। लेकिन वो उन ग्रुप में सक्रिय नहीं थे। ऐसे में क्या उनका चुप रहना उन्हें आरोपी साबित करता है। बता दें कि फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोग मारे गए थे। जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।