नई दिल्ली, कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद अब मंदिरों में मुस्लिम दुकानदारों के स्थानीय वार्षिक मेलों में प्रतिबंधित किए जाने की खबरें सामने आई है। आयोजन समितियों का कहना है कि उन्होंने दक्षिणपंथी हिंदू समूहों के के दबाव में आकर यह फैसला लिया है।
दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ कर्नाटक में बंद का आव्हान किया गया था और इन मुस्लिम दुकानदारों ने भी बंद के समर्थन में दुकानों को बंद रखा था। इसी कराण अब हिंदू संगठन के लोग मुसलमानों को मेलों में दुकान लगने की इजाजत नहीं दे रहे है।
बता दें कि कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में स्थित मंदिरों के वार्षिक उत्सव आमतौर पर अप्रैल-मई महीने में आयोजित किए जाते हैं। वार्षिकोत्सव के दौरान मेले लगते हैं और तमाम सांप्रदायिक तनाव के बावजूद आज तक कभी मुस्लिम दुकानदारों को दुकानें न लगाने से कभी नहीं रोका गया।
लेकिन अब कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब पर फैसले के बाद कई मंदिरों ने अपने त्योहारों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। 20 अप्रैल को होने वाले महालिंगेश्वर मंदिर के वार्षिक उत्सव के आयोजकों ने मुसलमानों को नीलामी में भाग लेने से रोक दिया है। आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च को बोली में भाग लेने के लिए केवल हिंदू ही पात्र हैं।
इसी तरह, उडुपी जिले के कौप में होसा मारिगुडी मंदिर ने इस सप्ताह आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के लिए 18 मार्च को नीलामी हुई। इसमें भी मुसलमानों को स्टॉल आवंटित करने से इनकार कर दिया गया। मंदिर प्रशासन समिति के अध्यक्ष रमेश हेगड़े ने कहा कि उन्होंने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केवल हिंदुओं को दुकानों की नीलामी में भाग लेने की अनुमति दी गई।