नई दिल्ली, भारत में हिजाब को लेकर विवाद फैलता जा रहा है। कही इस पर रोक लगाने की मांग हो रही थी, तो कही इसके समर्थन में लोगों ने प्रर्दशन किया। इस मामले में फ्रांस की जेंडर इक्वेलिटी मिनीस्टर (लैंगिक समानता मंत्री) ने गुरुवार को हिजाब पहनने की मांग करने वाली मुस्लिम महिला फुटबॉलरों का समर्थन किया है।
दरअसल फ्रांस के फुटबॉल फेडरेशन के हाल के नियम के मुताबिक, मैचों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को मुस्लिम हिजाब या यहूदी किप्पा सिर को ढकने वाली एक टोपी) जैसे धार्मिक प्रतीकों को पहनने की मनाही है। इस नियम के कारण मुस्लिम महिला फुटबॉलर हिजाब नहीं पहन पा रही हैं लेकिन वो लगातार ये मांग कर रही हैं कि उन्हें हिजाब पहनकर खेलने की अनुमति दी जाए।
महिला फुटबॉलर ने हिजाब पहनकर मैच खेलते हुए यह मैसेज दिया था कि वह हिजाब पहनकर भी फुटबाल खेल सकती है। वहीं फ्रांस की लैंगिक समानता मंत्री एलिजाबेथ मोरेनो भी लड़कियों के मांग को जायज बताते हुए इस नियम को हटाने की मांग कर रही हैं। फ्रांस की LCI टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘कानून कहता है कि ये लड़कियां हिजाब पहन सकती हैं और फुटबॉल खेल सकती हैं। फुटबॉल पिचों पर सिर पर स्कार्फ बांधना मना नहीं है। मैं चाहती हूं कि कानून का सम्मान किया जाए।
लड़कियों के हिजाब के समर्थन देते हुए इंग्लिश फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के फ्रांसीसी फुटबॉलर पॉल पोग्बा ने एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें लिखा है कि भारत के कॉलेज में हिजाब पहने हुए लड़कियों को भीड़ ने परेशान किया। ऐसी घटना होना बेहद शर्मनाक है।
बता दें कि हिजाब विवाद कर्नाटक के कालेज से शुरू हुआ था, PES कॉलेज के सामने एक हिजाब पहनकर कॉलेज जा रही छात्रा मुस्कान को भगवाधारी ‘छात्रों’ के झुंड ने घेरा लिया था। उसे देखकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगने लगे थे, मुस्कान ने भी जवाब में अल्लाहु अकबर के नारे लगए थे। इससे पहले भी कार्नाटक के कई स्कुलों कॅलेजो में हिजाब पहनने पर रोक लगई, लड़कियों को क्लास में जगह नहीं दी गई। मुस्कान के साथ हई हादसे के बाद लोगों ने इसका प्रर्दशन शुरू कर दिया। वहीं