मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों का भयानक हाल, 9 साल बाद भी रहने के लिए नही है घर

Muzffar nagar

नई दिल्ली: (रुखसार अहमद) यूपी में चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने प्रचार शुरू कर दिया है। वहीं मिल्लत टाइम्स की टीम भी चुनावी दौरे पर निकली थी। जनता आखिर किस को अपना नेता चाहती है इसे लेकर भी लोगों से बातचीत की गई।

मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी ने ग्राउंड जीरो पर जाकर उस जगह रिपोर्टिंग की जहां मुजफ्फरनगर दंगे पीड़ित लोग रहते है। 9 साल हो गए लेकिन सरकार ने अब तक पीडितों को कोई सुविधा नहीं पहुंचायी। इन लोगों के पास आज तक रहने के लिए घर तक नहीं।

बल्कि एक कच्ची बस्ती में अपना गुजारा कर रहे हैं। पीड़ितों की बस्ती में किसी भी पार्टी का नेता उनसे मिलने नहीं जाता। जब मिल्लत टाइम्स ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो लोग डरे हुए लग रहे है थे।

बहुत कम लोग कैमरे पर आकर बोलना चाहते थे। आज भी लोगों के दिलों में दंगों का डर बैठा हुआ है। कड़ाके की ठंड में लोग छप्पर में रहने को मजबूर है। उन्हें कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। सड़के कच्ची है, यहां तक बच्चों के पढ़ने के लिए अच्छे स्कूल तक नहीं है।

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शम्स तबरेज़ क़ासमी मिल्लत टाइम्स ग्रुप के संस्थापक एंड चीफ संपादक हैं, ग्राउंड रिपोर्ट और कंटेंट राइटिंग के अलावा वो खबर दर खबर और डिबेट शो "देश के साथ" के होस्ट भी हैं सोशल मीडिया पर आप उनसे जुड़ सकते हैं Email: stqasmi@gmail.com