नई दिल्ली, मध्य प्रदेश के उज्जैन में चाइनीज मांझे के कारण एक छात्रा की मौत हो गई। वहीं इसका दोष मांझे बेचने वाले के मत्थे मढ़ दिया गया। पुलिस और नगर निगम की टीम ने मांझा बेचने वाले दुकानदार अब्दुल वहाब के घर को अतिक्रमित बताते हुए उसपर JCB चला दी।
क्या वहाब को मुसलमान होने की सजा मिली है। यहां तक सवाल यह उठता है कि चाइनीज मांझा आता कहा से है। वहीं जो व्यापारी मांझा बेचते है उनपर प्रशसन क्यों कार्रवाई नहीं करता है। ऐसे व्यापरियों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस बिक्री करने वाले लोगों के घर क्यों तोड़ रही है।
इस मामले में बीजेपी सरकार की सीएम शिवराज का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद उज्जैन में चाइनीज मांझे की बिक्री हो रही थी। वहीं रविवार को उज्जैन जिला प्रशासन मांझे की बिक्री करने वाले लोगों को पर गुंडों की तरह कार्रवाई कर रही है। पुलिस बिक्री करने वाले लोगों का घर तोड़ रही है।
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तोपखाना स्थित चुलबुल पतंग सेंटर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है। प्रशासन की टीम ने पतंग की दुकान को खाली कराकर उसके अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया है। साथ ही उस इलाके में स्थित दुकानों को खंगाला जा रहा है कि वहां चाइनीज मांझे का स्टॉक तो नहीं है। तोपखाना इलाके में प्रशासन की टीम ने दो मकानों को तोड़ा है।
इसके साथ ही उज्जैन में चाइनीज मांझे के थोक व्यापारी का नाम भी सामने आया है। प्रशासन की टीम थोक व्यापारी के बारे में पड़ताल कर रही है। जांच पूरी होने के बाद उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अभी अब्दुल वहाब नाम के व्यापारी पर कार्रवाई हुई है। बताया जा रहा है कि जिस डोर से लड़की का गला कटा है, वह इसी के दुकान से खरीदा गया था।