नई दिल्ली, यूपी चुनाव की तारीख आने के बाद सभी पार्टियों ने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। वहीं सपा और रालोद गठबंधन ने 13 जनवरी को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की।
जिसमें कोल विधानसभा का सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है। अलीगढ़ के दो बार विधायक रहे शहर और कोल से हाजी जमीर उल्लाह को इस बार भी समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दिया जिससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है।
राजा नगर जीवनगढ़ और जमालपुर समाजवादी पार्टी का एक बड़ा ग्रुप जो इस बात का विरोध कर रहा है कि अखिलेश यादव जी अपने फैसले पर एक बार फिर विचार कर ले। उनका मानना है कि जिस तरीके से उनका टिकट 2017 में काटा गया था जिसके वजह से पूरे अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी की सीट ना निकल पाना और फिर वही गलती दोबारा दोहराई जा रही है। इस मामले में मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध जताते हुए कहा कि सपा ने गलत व्यक्ति को टिकट दिया है।
दो बार के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह विधानसभा क्षेत्र में लोगों के सुख – दुख में हमेशा खड़े रहते हैं और समाजवादी पार्टी को भी निरंतर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी हाईकमान ने जमीरउल्लाह खान को नजरअंदाज करके पार्टी को कमजोर करने का काम किया है। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बदला तो मुस्लिम समाज का व्यक्ति मतदान नहीं करने जाएगा।
विरोध कर रहे मुजाहिद ने कहा कि हमारी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मांग की कि हाज जमीरउल्लाह ने 20 साल से ज्यादा समाजवादी पार्टी के लिए काम किया। जनता के बीच रहे गरीबों के बीच रहे. इसलिए कोल विधानसभा क्षेत्र में उन्हें टिकट दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर जमीरउल्लाह को टिकट नहीं दिया गया तो वोट डालने नहीं जाएंगे। जमीनी हकीकत तो यही बताती है की अलीगढ़ की जनता हाजी जमीर उल्लाह से जुड़ी हुई है सपा प्रमुख का टिकट फिर से काट लेना कहीं 2017 विधानसभा की तरह 2022 में भी नुकसान का सामना ना करना पड़े।
कुछ कार्यकर्ताओं का यह तक कहना है कि अगर हाजी जमीर उल्लाह को टिकट ना दिया गया तो सिर्फ एक विधानसभा की बात नहीं है बल्कि पूरे अलीगढ़ में जितने विधानसभा आते हैं वहां सिर्फ मुस्लिम वोट नहीं बल्कि हर वर्ग का वोट छटक सकता है जिसके वजह से समाजवादी पार्टी को 2017 वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
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