नई दिल्ली: (रुखसार अहमद) मुस्लिम आरक्षण और वक्फ बोर्ड की जमीनों के संरक्षण की मांग को लेकर औरंगाबाद से निकली एमआईएम की रैली शनिवार की शाम मुंबई पहुंची। मुंबई के चांदिवली में असदुद्दीन ओवैसी की एक बड़ी सभा हुई। इस सभा में ओवैसी ने आरोप लगते हुए कहा कि मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार गंभीर नहीं है।
इसने मुसलमानों का इस्तेमाल वोट बैंक के तौर पर किया है और बदले में इस कौम को धोखा देने के अलावा कुछ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज की तुलना मे मुस्लिम समाज बहुत गरीब है।
इस लिए मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि विधानसभा में बाबरी मस्जिद गिराने वाले अपने कार्यकर्ताओं पर गर्व करने वाले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ सरकार चलाने शरद पवार इस बात का विरोध क्यों नहीं किया।
इससे पहले एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने औरंगाबाद से मुंबई तक 150 से अधिक गाडियों का काफिला लेकर तिरंगा यात्रा निकाली। सुबह सात बजे औरंगाबाद से यह यात्रा शुरू हुई और शाम सात बजे सभा स्थल पर पहुंची।
एमआईएम अध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या शिवसेना धर्मनिरपेक्ष दल है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राकांपा सत्ता के लालच में शिवसेना से मिल गए और मुझे सांप्रदायिक कहते हैं। उन्होंने कहा कि हम आए तो मुंबई में धारा 144 लागू कर दिया। राहुल गांधी भी मुंबई आने वाले हैं क्या उस समय भी धारा 144 लागू करेंगे। ओवैसी ने कहा कि सभी धर्म के लोगों ने प्रगति की है पर मुसलमान लगातार पिछड़ रहा है।
जिस दिन भारत का मुसलमान एक राजनीतिक ताकत तैयार कर लेगा, उस दिन तस्वीर बदलेगी। एमआईएम के प्रमुख असदुद्ददीन ओवैसी ने कहा है कि क्या महाराष्ट्र सरकार मुस्लिम आरक्षण को भूल गई है। क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार का दिल सिर्फ मराठाओ के लिए धड़कता है।
ओवेसी मुंबई के चांदिवली इलाके में मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की मांग को लेकर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समाज के आर्थिक, सामाजिक व शिक्षा में पिछड़े होने को लेकर आंकड़े पेश किए। इसदौरान उन्होंने शिवसेना के राष्ट्रवाद पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या शिवसेना धर्म निरपेक्ष है? उन्होंने कहा कि क्या राज्य सरकार तिरंगा विरोधी हो गई है।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण से वंचित रख कर कहा जा रहा है कि मुस्लिम पढ़ना नहीं चाहता है। उन्होंने नौकरशाही में मुस्लिम समुदाय के लोगों की कमी को लेकर भी चिंता जाहिर की। औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील ने वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा हैं।
उन्होंने कहा कि आखिर वक्फ बोर्ड की 93 हजार एकड़ जमीन कहा गई है। इसे किसने बेचा है और किसने बांटा है। इसके बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है। लेकिन हमें यह जमीन वापस लौटाई जाए। उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले को लेकर धन्नासेठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हैऔर आगे भी इसके लिए अभियान चलाएंगे।
औरंगाबाद से 12 घंटे में मुंबई पहुंचे जलील ने कहा कि पुलिस ने उन्हें कई जगह रोका लेकिन हकीकत यह है कि सरकार हमसे डरती है, इसलिए पुलिस को आगे करती है। फिर भी मैं तिरंगा लेकर मुंबई पहुंच गया।