नई दिल्ली: (फरहीन सैफी) भारत की सियासत को बदलने वाली आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से खुद बदल चुकी है वो अब भाजपा के नक्शे कदम पर चल रही है जिस तरह से भाजपा हमेशा से मुसलमानो का इतिहास गलत बयान करती है और मुसलमानो की छवि खराब करती है अब उसी तरह से आम आदमी पार्टी भी कर रही है।
उसकी ताज़ा मिसाल आम आदमी पार्टी की विधायक का ये ट्वीट है जिसमे वो औरंगजेब पर मन्दिरो टैक्स लगाने का आरोप लगा रही है। आइये देखते है उन्होंने क्या कहा है अपने ट्विट में जिस वजह से लोग उन्हें ट्रोल कर रहे है और व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी का प्रोडक्ट बता रहे है, आतिशी अपने ट्विट में लिखती है कि-शर्मनाक।
शर्मनाक! भारत में औरंगज़ेब के बाद पहली बार किसी ने मंदिरों पर टैक्स लगाया है। 1679 में औरंगज़ेब ने मंदिरों पर जज़िया लगाया था, और आज भाजपा शासित पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने मंदिरों को नोटिस भेजा है, कि प्रॉपर्टी टैक्स दो, नहीं तो बंद कर देंगे। ये लोगों की श्रद्धा का अपमान है!
— Atishi (@AtishiAAP) December 7, 2021
भारत मे औरंगजेब के बाद पहली बार मन्दिरों पर किसी ने टैक्स लगाया है। 1679 में औरंगजेब मन्दिरो पर जज़िया लगाया था, और आज भाजपा शासित पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने मन्दिरो को नोटिस भेजा, कि प्रोपर्टी टैक्स दो नही तो बंद कर देंगे। ये लोगो की श्राद्ध का अपमान है।
इसी बात का जवाब देते हुए मिल्लत टाइम्स के एडिटर इन चीफ शम्स तबरेज़ कासमी ने कहा कि मैडम दिन के उजाले में आप इतना सफेद झूठ कैसे बोल लेती है अगर मालूम नही है तो पढ़ लीजिए। औरंगजेब मन्दिरो को ग्रांट्स देते थे और बहुत से मन्दिरो को ज़मीन तक दी। भाजपा आईटी सेल की तरह आपने भी झूठ फेलाना शुरू कर दिया। शर्मनाक।
मैडम दिन के उजाले में आप इतना सफेद झूठ कैसे बोल लेती हैं, अगर मालूम नहीं है तो पढ़ लीजिए। औरंगजेब मंदिरों को grants देते थे बहुत से मंदिरों को ज़मीन तक दी। भाजपा आईटी सेल की तरह आपने भी झूठ फैलाना शुरू कर दिया। शर्मनाक https://t.co/HSnRt1zEZf
— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) December 8, 2021
दूसरे यूजर ने लिखा कि- मोहतरमा आतिशी साहिबा क्या आप भी नफरत के समुंदर में डुबकी लगा चुकी है जो हर बात पर औरंगजेब याद आते हैं। उन्होंने जो बेटियो को इंसाफ दिया वो मिसाल है।
अनगिनत लोगो ने आतिशी के ट्वीट पर अपनी राय देते हुए कहा कि ये भाजपा की B टीम है और ये इतिहास बदलने आए थे खुद ही बदल गए।
लोगो के द्वारा औरंगजेब को सबसे क्रूर शासक के तौर पर देखा जाता है कई लोग आरोप लगाते हैं कि उन्होंने कितने मन्दिरो को तुड़वाया मगर इस्लाम के अनुसार किसी भी मंदिर मस्जिद या उसमें पूजा करने वाले पुजारियों पर कोई भी टैक्स या जजिया कर नही लगाया जाएगा।
आइये आपको बताते हैं कि इतिहासकार इसपर क्या कहते है।
एक अमरीकी इतिहासकार ऑडरी ट्रस्चके की किताब ‘औरंगज़ेब-द मैन एंड द मिथ’ में बताया गया कि ये तर्क ग़लत है कि औरंगज़ेब ने मंदिरों को इसलिए ध्वस्त करवाया क्योंकि वो हिंदुओं से नफ़रत करता था।
ट्रस्चके जो कि नेवार्क के रूटजर्स विश्वविद्यालय में दक्षिण एशिया इतिहास पढ़ाती हैं, लिखती हैं कि औरंगज़ेब की इस छवि के पीछे अंग्रेज़ों के ज़माने के इतिहासकार ज़िम्मेदार हैं जो अंग्रेज़ों की फूट डालो और राज करो नीति के तहत हिंदू मुस्लिम नफरत को बढ़ावा देते थे. इस किताब में वो ये भी बताती हैं कि अगर औरंगज़ेब का शासन 20 साल कम हुआ होता तो उनका आधुनिक इतिहासकारों ने अलग ढंग से आकलन किया होता।
उनके अनुसार ‘ये ग़लतफ़हमी है कि औरंगज़ेब ने हज़ारों हिंदू मंदिरों को तोड़ा उनके शासनकाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसे हिंदुओं का नरसंहार कहा जा सके. वास्तव में औरंगज़ेब ने अपनी सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर हिंदुओं को आसीन किया.’ इसके अलावा इतिहासकार और सर्वेश्वरी डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल प्रदीप केसरवानी ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर कहते हैं, ‘अपने एक सैन्य अभियान के दौरान औरंगजेब और उसकी सेना इस मंदिर के नजदीक रुकी थी। उस दौरान उसने इस मंदिर का न केवल दौरा किया बल्कि मंदिर के रखरखाव के लिए भारी अनुदान भी दिया। इन तथ्यों का उल्लेख मंदिर के अंदर स्थित ‘धर्म दंड’ (धार्मिक स्तंभ) पर है।’