नई दिल्ली:(रुखसार अहमद) नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि केंद्र द्वारा छीने गए अधिकारों को पाने के लिए किसानों की तरह बलिदान देना पड़ सकता है।
हजरतबल में अपने पिता और नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला के मकबरे पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के हर एक कार्यकर्ता और नेता को हर गांव और मोहल्ले में जमीनी स्तर पर लोगों के संपर्क में रहना है।
उन्होंने आगे कहा, ‘आप सभी को अटल रहना है। 700 किसानों के बलिदान के बाद केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया है। केंद्र द्वारा हमसे छीने गए अधिकारों को वापस पाने के लिए हमें भी इसी तरह का बलिदान देना पड़ सकता है।
अब्दुल्ला ने आगे कहा, ‘जिस तरह से किसानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर केंद्र को तीनों कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर कर दिया, ठीक उसी तरह हम भी आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त करने के फैसले को वापस लेने के लिए उन्हें (केंद्र) मजबूर करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल हुई है और पर्यटन उद्योग आगे बढ़ रहा है। इसपर डॉ फारूक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अगर कश्मीर में पर्यटन बढ़ रहा है, तो इसका क्या मतलब है? क्या पर्यटन ही सब कुछ है?’
वहीं, हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर उन्होंने कहा, ‘हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों के परिवारों ने जब जमकर भारी विरोध किया। तब जाकर पुलिस और प्रशासन ने दो नागरिकों के शवों को बाहर निकाला और उन्हें उनके परिवारों को सौंपा। हालांकि तीसरे निर्दोष का शव उधमपुर में उसके परिवार को सौंपा जाना अभी बाकी है।
लगातार बारिश के बीच इस पुण्यतिथि पर नेकां के संस्थापक को श्रद्धांजलि देने के लिए नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता हजरतबल में जमा हुए थे। फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान पार्टी के लोगों से जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू करने और कश्मीर के हर गांव और इलाके के लोगों से जुड़े रहने के लिए कहा है।