नई दिल्ली:(रुखसार अहमद) दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सेक्टर-12 सीआरपीएफ चौक में आज जुमे की नमाज के बजाय गोवर्धन पूजा हुई। इससे पता चलता है कुछ भगवाधारी समाज में सिर्फ नफरत फैलाने का काम कर रहे है, और इनके दिल में एक समुदाय को लेकर कितनी नफरत हैं।
इस बात को लेकर हिन्दू संगठनों ने पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी कि इस चौक पर पूजा की जाएगी। इस मामले में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ये मुसलमानों के प्रति सीधी नफरत है। हिन्दू संगठन के द्वारा गोवर्धन पूजा के ऐलान के बाद से ही प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया था और शुक्रवार से पहले ही प्रशासन ने दोनों पक्षों के साथ बैठक भी की थी।
प्रशासन की ओर से शुक्रवार के दिन किसी भी टकराव की स्थिति को टालने की कोशिश की गई, जिसके बाद यहां पर नमाज नहीं पढ़ने की बात तय हुई। इस पूजा में भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी पहुंचे थे। दरअसल, ये पूरा मामला सिर्फ सेक्टर 12 के इस चौक से ही नहीं जुड़ा है बल्कि ये गुरुग्राम में 37 जगहों पर हो रही खुले में नमाज को लेकर है। गुरुग्राम में इस वक़्त कुल 37 जगहों पर खुले में नमाज पढ़ी जा रही थी, जिसका तमाम हिन्दू संगठन 3 महीनों से विरोध करने लगे थे।
इस मसले पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गुड़गांव (गुरुग्राम) में शुक्रवार की नमाज का विरोध इस बात का सटीक उदाहरण है कि ये “प्रदर्शनकारी कितने कट्टरपंथी हो गए हैं। ये मुसलमानों के प्रति सीधी नफरत है। मेरे विश्वास का अभ्यास करना या सप्ताह में एक बार 15-20 मिनट के लिए जुमे की नमाज अदा करना किसी को कैसे आहत कर रहा है।
मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से कहा गया था कि आपस में बातचीत के बाद तय हुआ है कि वो 37 जगहों पर जुमे की नमाज पढ़ सकते हैं। लेकिन विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सुरेंद्र जैन के मुताबिक ये बात सिर्फ रमजान के महीने में एक बार के लिए थी न कि हमेशा के लिए।
सुरेंद्र जैन के मुताबिक दो दिन पहले एक बैठक हुई थी और फिर यह तय किया गया कि 37 में से 20 जगहों पर फिलहाल खुले में नमाज होगी और ये भी धीरे-धीरे कम किया जाएगा। फिर एक महीने में गुरुग्राम में खुले में नमाज बिल्कुल बंद हो जाएगा। मौके पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी पहुंचे थे। कपिल ने कहा ने कहा कि अगर सभी धर्म के लोग पूजा पाठ के लिए सड़क को ब्लॉक कर देंगे तो काम कैसे चलेगा।
Protests against Friday namaz in #Gurgaon are a perfect case of how radicalised these “protesters” have become. It’s plain hatred towards Muslims. How’s practising my faith or offering Jumah namaz once a week for 15-20 mins hurting anyone? @AJEnglishhttps://t.co/ZekLPbJZmb
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 5, 2021