नई दिल्ली: बिहार के मोतिहारी जिले के आदापुर से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे दो शिक्षक मामूली बात पर एक-दूसरे के साथ उठापटक कर रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं।
‘मैं वरीय तो मैं वरीय’ की लड़ाई ने एकाएक हिंसक रूप ले लिया और दोनों शिक्षक अपनी ताकत का जोर दिखने में लगे है। उनकी इस लड़ाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। वीडियो में आप देख सकते है कि कैसे दो शिक्षक आदापुर के बीआरसी भवन में एक-दूसरे के साथ कैसे उठापटक कर रहे हैं और एक-दूसरे के खिलाफ अपशब्द कह रहे हैं।
मारपीट व उठापटक से जहां कार्यालय में कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल कायम हो गया वही इस लड़ाई को देखकर अन्य अधिकारियों व कर्मचरियों ने खिसकने में ही भलाई समझी। एक शख्स इन दोनों के झगड़े को सुलझाने व दोनों को हटाने का प्रयास करते जरूर दिख रहा है।
दो गुरुओं के बीच की यह लड़ाई शिक्षा विभाग की कार्यशैली व अनियमितता को भी जगजाहिर करने के लिए काफी है। बता दें कि जिले के कई प्रखंडों में शिक्षा विभाग की ‘मलाई’ खाने के लिए कार्यालय की कर्मियों की मिलीभगत से वरीय व कनीय शिक्षक बनने व बनाने का खेल हमेशा से होता आ रहा है, जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है।
प्रिन्सिपल की कुर्सी पर कौन बैठेगा अब मारपीट के जरिए यह तय होगा. इस विवाद में बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िला के आदापुर में देखिए दो शिक्षक कैसे पटकी पटका कर रहे हैं. दोनों बीच कैसे मारपीट हो रही हैं.@Millat_Times pic.twitter.com/KMBVErkL4o
— Millat Times (@Millat_Times) October 14, 2021
बताया जा रहा है कि आदापुर के चैनपुर के सोनार टोला स्थित नव सृजित प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर के प्रभार को लेकर महीनों से चले आ रहे विवाद के मामले में जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय के निर्देश के आलोक में आदापुर बीईओ हरेराम सिंह ने पत्र जारी कर वर्तमान प्रभारी एचएम शिवशंकर गिरी व वरीय शिक्षक होने की दावा करने वाली रिंकी कुमारी को शैक्षणिक व नियोजन से संबंधित कागजातों को तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था जिसे जमा करवाने के क्रम में दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी।
फिर तू तू मैं मैं के बाद मामला मारपीट व उठापटक में तब्दील हो गई. इस संबंध में पूछे जाने पर बीइओ हरेराम सिंह ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें नही मालूम कि किस बात को लेकर दोनों में मारपीट व झगड़ा हुआ है। मामले की जांच की जा रही हैं। इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए जिला जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला अधिकारी से भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके। मामला चाहे जो भी हो लेकिन इस मारपीट की घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर एकबार फिर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।