नई दिल्ली: यूरोपीय संघ ने मंगलवार को एलान किया है कि वो अफ़ग़ानिस्तान को एक बिलियन यूरो यानी क़रीब साढ़े आठ हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की मदद करेगा। ये राशि तालिबान की अंतरिम सरकार की बजाय वहां काम कर रही अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के माध्यम से अफ़ग़ान लोगों को दिए जाएंगे।
संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने कहा कि ये मदद “बड़े मानवीय और सामाजिक आर्थिक ढांचे को बर्बाद होने से रोकने के लिए” है। उन्होंने कहा, मानवाधिकारों की सुरक्षा समेत, अफ़ग़ानिस्तान की मदद करने के लिए हमारी शर्तें साफ़ हैं। ये मदद अफ़ग़ान लोगों के लिए है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से मुताबिक बयान में कहा गया कि अफ़ग़ानिस्तान के लिए पहले से मानवीय ज़रूरतों के लिए घोषित 30 करोड़ यूरो में से 25 करोड़ यूरो और जुड़ जाएंगे। बचे हुए पैसे अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों को जाएंगे जहां तालिबान के सत्ता में आने के बाद कई अफ़ग़ान नागरिकों ने शरण ली थी।
वॉन डेर लेयन ने इटली में हो रहे जी-20 के शिखर सम्मेलन के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के पैसे अफ़ग़ानिस्तान में ‘सीधे मदद’ के तौर पर, वहां काम कर रही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के माध्यम से दिए जाएंगे, ये धन तालिबान की अंतरिम सरकार को नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने ट्वीट कर इस सहायता राशि की ज़रूरत के बारे में बताया, “अफ़ग़ानिस्तान में बड़े मानवीय संकट और सामाजिक-आर्थिक पतन को रोकने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं, करना चाहिए।
Our conditions for any engagement with the Afghan authorities are clear, including on human rights.
But the Afghans should not pay the price of the Taliban’s actions.
The Support Package is for the Afghan people and the country´s neighbours who have provided help.— Ursula von der Leyen (@vonderleyen) October 12, 2021