सर्वसम्मति से हो इमारत- ए-शरय्या के अध्यक्ष का चुनाव: अशफाक करीम

पटना: राष्ट्रीय जनता दल से राज्यसभा सांसद और मुस्लिमों की सवोच्च संस्था इमारत- ए-शरय्या के निर्वाचन समिति के संयोजक अहमद अशफाक करीम ने इमारत- ए-शरय्या के सदस्यों से अध्यक्ष ( अमीर-ए-शरियत ) का चुनाव सर्वसम्मति से करने की अपील की है।
उन्होंने आशियाना-दीघा रोड स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित कर इमारत- ए-शरय्या के सदस्यों से वर्षों पुरानी चली आ रही परंपरा को बनाए रखने का अनुरोध किया है। कहा, अमीर-ए-शरियत का चुनाव अबतक आम सहमति से होता आया है। मतदान की स्थिति नहीं आई है। यह सिलसिला जारी रहना चाहिए ताकि कौम में एकता का संदेश जाए। यदि अमीर-ए-शरियत पद का चुनाव होगा तो पक्ष और विपक्ष बनेगा। फिर विवाद होने की आशंका रहेगी। ऐसे में सदस्यों से आग्रह है कि वो सर्वसम्मति से एक अध्यक्ष या अमीर-ए-शरियत का चुनाव करें। नौ अक्टूबर को चुनाव होना है।
गौरतलब है कि हजरत मौलाना वली रहमानी के निधन के बाद यह पद खाली है। तीन माह में ही नए अमीर-ए-शरियत का चुनाव हो जाना था। लेकिन कोविड की वजह से नहीं हो पाया। इमारत- ए-शरय्या में आठ सौ से ज्यादा सदस्य हैं। कोविड की वजह ये इकट्ठा नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में नए अमीर-ए-शरियत का चुनाव टल रहा था।
प्रेस वार्ता में एक किस्सा बताते हुए अशफाम करीम ने कहा कि एक बार अमीर-ए-शरियत के चुनाव के लिए हजरत मौलाना मो. निजामुद्दीन और हजरत मौलाना मो. वली रहमानी आमने-सामने हो गए। लेकिन मो. वली रहमानी ने समझदारी दिखाते हुए खुद पीछे हट गए। इस तरह वोटिंग की नौबत नहीं आई। इससे समाज में एक अच्छा संदेश गया। इस घटना को फिर से दोहराने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि अबतक वो इमारत- ए-शरय्या में अमीर-ए-शरियत पद के लिए मतदान होते नहीं देखा है। इस संस्थान के 100 वर्ष से अधिक हो चुके हैं।

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