सिद्दीक कप्पन की गिरफ्तारी को हुए एक साल, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने रिहाई की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

Kappan

नई दिल्ली: (रुखसार अहमद) केरल पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जेल में बंद हुए एक साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक उन्हें जमानत नहीं मिल पाई है। कप्पन को पिछले साल 5 अक्टूबर के दिन उत्तर प्रदेश के हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने जाने के दौरान गिरफ़्तार किया गया था।

उनके साथ अतिकुर रहमान, मसूद अहमद और उनका ड्राइवर आलम भी थे। उस समय कथित तौर पर गैंग रेप के बाद दलित युवकी की हत्या और रात को शव को जलाने के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था।

इसे लेकर आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया समेत केरला यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने प्रोटेस्ट किया है। उन्होंने प्रोटेस्ट करते हुए मांग की कप्पन को जल्द से जल्द जमानत मिले। पीसीआई अध्यक्ष उमाकांत लखेरा ने कहा, ‘‘आज हमने इस कार्यक्रम का आयोजन कप्पन के जेल में रहने के एक साल पूरे होने पर किया है। उन्हें मौके पर जाने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

आज तक वह सलाखों के पीछे हैं। हम स्वतंत्र मीडिया के लिए लड़ रहे हैं। इस पर कोई अंकुश नहीं होना चाहिए। अगर कोई रिपोर्टिंग के लिए मौके पर जा रहा है तो मीडिया पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘खोजी पत्रकारिता दिन-ब-दिन खत्म हो रही है।

हम देश की सर्वोच्च न्यायपालिका से कप्पन को रिहा करने और उनके खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की अपील कर रहे हैं। केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे), पीसीआई और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) के तत्वावधान में आयोजित इस विरोध कार्यक्रम में अनेक पत्रकार शामिल हुए।

बता दें कप्पन को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) आन्दोलन, दिल्ली दंगा, राम मंदिर के मामले में एक विशेष समुदाय को भड़काने के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रीवेन्शन एक्ट (UAPA) लगा दिया गया था। इस मामले में ज़मानत के लिए दायर की गई उनकी याचिकाओं को बार-बार खारिज किया गया। सुनवाई के दौरान कंपन के वकील कपिल सिब्बल भी मौजूद रहे थे। हालांकि कप्पन को उनकी बीमार मां से मिलने की इजाजत 5 दिन के लिए दे दी गई थी। एक बार फिर 1 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका फिर से खारिज कर दी गई और अभी मामला कोर्ट में लंबित है।

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