नवादा में बकाया राशी मांगने गए इमरान अख्तर की बेरहमी से पीट-पीटकर की हत्या

NAWADA

नई दिल्ली: (मोहम्मद सुल्तान अख्तर) नवादा जिला के पकरीबरावां थाना क्षेत्र से एक शख्स की बेरहमी से पीटाई करने का मामला सामने आया है। 29 सितंबर को इमरान अख़्तर संदीप साव के घर अपने बकाया पैसा मांगने गया था। जहां इमरान पर 5 से 6 लोगों ने मिलकर हमला करना शुरू कर दिया।

इमरान की बेरहमी से पीटाई कि गई। पीटाई के बाद वह बुरी तरह घायल हो गया। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने अभी आरोपीयों को गिरफ्तार नहीं किया। बता दें इमरान सुदनपुर गांव का रहने वाला है और अपने पिता के साथ गेट ग्रिल बनाने का काम करता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इमरान अख्तर (आजन इमाम) पिता जमील अख्तर 25 साल से उस गांव में हमेशा जाया करता था।

कभी इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई। गंगटी गांव के अक्सर लोग गेट ग्रील का काम इनके पास ही करवाया करते थे। मृतक के पिता जमील अख्तर ने कहा है कि हमारे बेटे को गहरी साजिश के तहत हत्या की गई है। जमील अख्तर ने बताया कि मेरा बेटा वेल्डिंग का उधारी पैसा मांगने गया था! सभी आरोपियों ने मेरे बेटे को अपने घर ले जाकर अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। मुझे इसका न्याय मिले वरना मैं बेटा के इंसाफ के लिए न्याय पालिका तक जाऊंगा।

मोहम्मद परवेज निवासी सुदनपुर जिनका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है उनकी मानी जाए तो संदीप साव ही इसे मारा है, उसने ही दुश्मनी का बदला लिया है। संदीप साव निवासी गंगटी ने हाथ पांव बांधकर नस काटकर और बहुत ही बेरहमी से उसको मौत के घाट उतारा।

पुलिस को उसका बांधा हुआ शरीर मिला है। जिसमें उसका हाथ टूटा हुआ था। मोहम्मद परवेज का कहना है कि मोहम्मद इमरान अख्तर उर्फ (आजन इमाम)संदीप साव के यहां उठना बैठना हमेशा था और अपना तकादा करके संदीप के यहां आया था। उसके बहुत सारे साथी गंगटी में पहले से मौजूद हैं।

संदीप के यहां कुछ देर ठहर गया। फिर उसे पूरी प्लानिंग के साथ बांध कर बेरहमी से पीटा और मौत के घाट उतार दिया। इसी तरह से मोहम्मद बशीरुद्दीन सुदनपुर के निवासी की मानी जाए तो उनका कहना है कि चौकीदार के जरिए पुलिस को मालूम हुआ। उसके बाद पुलिस आई और पकरी बरावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के बाद डॉक्टर ने नवादा रेफर कर दिया लेकिन कोई ले जाने वाला नहीं था और ना ही प्रशासन नवादा ले गया। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही है जिसकी वजह से इमरान की मौत हुई है। आरोपी और उसके परिजन एवम दलाल मिडिया ट्रैक्टर और ट्रैक्टर की बैटरी चोरी का इल्जाम लगाकर लोगो का ध्यान मुद्दे से हटाने का काम किया है। इस बुरी तरह लाठी डंडे और रॉड आदि से पीट-पीट कर अधमरा कर दिया,पुलिस उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल लेकर पहुंची जहां सुबह होते ही उसकी मौत हो गई।

इधर कुछ संघी मीडिया ने यह हवा उड़ा दी और बावाल मचा दिया कि इमरान ट्रैक्टर चोरी करने गया था। सवाल यह उठाता है की ट्रैक्टर की बैटरी चोरी करने गया था तो अकेला कैसे करेगा, चोरी की घटना को अकेला अंजाम नही दिया जा सकता?

लेकिन संघी मीडिया सचाई नहीं दिखाती, बल्कि सच को छिपा कर आरोपी को बचाने में लगी है। और चोरी का आरोप लगाकर इस केस को खत्म करने की कोशिश कर रही है। और दोषियों को बचाने का काम कर रही है। मृतक इमरान अख्तर उर्फ (आजन  इमाम) के परिजनों का कहना है कि जितने आरोपी हैं चार या पांच सभी को चिन्हित करके उसे जेल के सलाखों में डाला जाए और हमें न्याय मिले, इस बीच  समाजिक कार्यकर्ता और मौलाना आजाद वेलफेयर ट्रस्ट के चेयर मैन मौलाना आजाद कासमी से हमारे संवादाता से बात की और वह मृतक के घर पर गए भी थे।

उन्होने परिजनों से बात किया उन्होंने बताया कि यह एक सोची समझी साजिश है। इस तरह की घटनाएं इससे पहले भी कई बार हो चुकी है और चोरी का इल्जाम लगाकर हत्या कर दिया जाता है। यह बिल्कुल ही अफसोस नाक है। इसमें पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहा है। इस पूरे मामले में पर पुलिस ने क्यों साधा मौन? थाना प्रभारी मुंह दर्शक बने हुए हैं! कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं! तथा थाना प्रभारी के फोन पर रिंग हो रहा है लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है! यह सब कई सवाल खड़े कर रहे हैं।

पकरीबरावां के कई सामाजिक  कार्यकर्त्ता ने भी अफसोस जाहिर किया है, और प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा है कि दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाए और जितना  जल्द से जल्द संदीप साव की गिरफ्तारी की जाए।अभी भी जो असल दोषी है पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।  उ

सकी गिरफ्तारी अभी भी नहीं हुई है। समाचार लिखे जाने तक किसी दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।  दोषियों के अन्य परिजनों में से एक से दो को गिरफ्तार किया है। जो बिल्कुल ही अफसोस नाक है, आख़िर दोषी पुलिस की गिरफ्त से बाहर क्यों है?

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