नई दिल्ली, (रुखसार अहमद) मुस्लिम समाज की होनहार बेटी सदफ चौधरी ने देश की सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा (UPSC 2020) में 23 वीं रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया है। सदफ ने महिलाओं में पांचवी और मुस्लिम समाज की तरफ से पहली रैंक हासिल की है। उनकी इस शानदार कामयाबी पर पूरे समाज में खुशी का माहौल है।
सदफ चौधरी ने यह कामयाबी बगैर किसी कोचिंग के हासिल की है। सदफ की कामयाबी के बाद पूरे इलाके में ख़ुशी का माहौल है और रुड़की स्थित सदफ के आवास पर मुबारकबाद देने वालों का तांता लगा हुआ है। सिविल इंजीनियर सदफ चौधरी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ऑफिसर के पोस्ट पर तैनात है लेकिन वह लगातार यूपीएससी की परीक्षा के लिए तैयारी में जुटी थी और शुक्रवार को आए नतीजों में 23वीं रैंक प्राप्त करके उन्होंने देश के साथ-साथ अपने समाज और अपने क्षेत्र का भी नाम रोशन किया है। सदफ बालिका शिक्षा के मैदान में काम करना चाहती है। नतीजा आने के बाद से सदफ के परिवार के साथ साथ पूरे क्षेत्र में और पूरे समाज में खुशी का माहौल है।
मूल रूप से उत्तराखंड के मोहितपुर निवासी सदफ के पिता मुहम्मद इसरार वर्तमान में सर्वग्रामीन यूपी बैंक नागल (सहारनपुर यूपी) में मैनेजर हैं जो पहले अमरोहा के जोया में अपनी सेवाएं दे रहे थे, सदफ की प्राथमिक शिक्षा अमरोहा में ही हुई है। मोहम्मद इसरार ने अमरोहा और मुरादाबाद में ही अपना ज्यादा समय बिताया है और अब वह सहारनपुर के नागल में स्थित यूपी ग्रामीण बैंक में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और वहां पर मैनेजर की पोस्ट पर हैं जो देवबंद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
सदफ चौधरी बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार है सदफ ने पहले जालंधर से इंजीनियरिंग कर गुड़गांव में एक बड़ी कंपनी में जॉब की उसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी की, हालांकि पहली कोशिश में सदफ यूपीएससी एग्जाम क्लियर नहीं कर पाई थी लेकिन मेहनत और लगन से दूसरी कोशिश में उन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है। मौजूदा समय में सदफ चौधरी आरबीआई में ऑफिसर की पोस्ट पर हैं।
सदफ चौधरी देवबंद के सपा नेता सिकंदर अली गोड की मौसेरी बहन है, सिकंदर अली ने बताया कि सदफ की कामयाबी से पूरे घर में जश्न का माहौल है और पूरे इलाके से लोग मुबारकबाद देने आ रहे हैं। सदफ की इस कामयाबी ने पूरे समाज का नाम रोशन किया है।
सदफ ने अपनी इस कामयाबी पर खुशी का इजहार करते हुए बताया कि वह लगातार यूपीएससी की तैयारी में लगी थी, उसने कोई खास कोचिंग नहीं की है और अल्लाह का शुक्र है कि दूसरी कोशिश है मुझे इस बड़ी कामयाबी से अल्लाह ने नवाज है। उन्होंने कहा कि वह बालिका शिक्षा के लिए काम करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है कामयाबी के लिए मेहनत लगन और जुनून की जरूरत होती है।