मौलाना हबीब उर रहमान सिर्फ पंजाब के ही नहीं देश भर के मजलूमों की आवाज थे : सज्जाद नौमानी

मरहूम शाही इमाम पंजाब की याद में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन, हजारों लोग पहुंचे

मेराज़ आलम ब्यूरो रिपोर्ट

लुधियाना : आज यहां ऐतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना के सामने मरहूम शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी की याद में मजलिस अहरार इस्लाम हिंद की ओर से श्रद्धांजलि समागम का आयोजन किया गया जिस में भारत के प्रसिद्ध इमाम मौलाना खलील उर रहमान सज्जाद नौमानी लखनऊ और पीर जी हाफिज हुसैन अहमद साहिब बुढिय़ा यमुनानगर विशेष रूप से पहुंचे। दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक चले इस समागम में सभी धर्मों और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ-साथ पंजाब की सभी मस्जिदों के इमाम साहिबान और प्रधान साहिबान उपस्थित थे। इस अवसर पर मंच का संचालन श्री सुशील कुमार पराशर व मौलाना मुहम्मद तय्यब ताहिरपुर ने किया। समागम की शुरुवात कारी जैनुलआबदीन जामई की ओर से कुरान शरीफ की तिलावत के साथ की गई जिसके बाद कारी मुस्तकीम करीमी ने शाने रसूल सल्ललाहु अलैहिवसल्लम में नात शरीफ पढ़ी। इस अवसर पर संबोधन करते हुए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता व भारत से विश्व प्रसिद्ध विद्वान मौलाना खलील उर रहमान सज्जाद नौमानी ने कहा कि जंग-ए-आजादी की यादगार पार्टी अहरार के अध्यक्ष व पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी के चले जाने से सिर्फ पंजाब ही नहीं देश भर के मुसलमानो को दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मरहूम में यह खासियत थी कि वह हक और सच की आवाज को पूरी ताकत के साथ उठाते थे और कभी भी किसी राजनीतिक शक्ति से डरे नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब और खास कर लुधियाना से हिंदू-मुस्लिम-सिख और दलित व ईसाई भाईचारे की जो मिसाल मरहूम शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने बनाई है उसकी नजीर नही मिलती। मौलाना सज्जाद नौमानी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि उनके उत्तराधिकारी नवनियुक्त शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवीं अपने पिता के मिशन को और आगे लेकर जायेंगे व भाईचारा कायम रखने के साथ-साथ फिरकाप्रस्त ताकतों से अपने देश और समाज की रक्षा करते रहेंगे। इस अवसर पर पंजाब विधानसभा में आप पार्टी विरोधी दल के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शाही इमाम साहिब से सर्व धर्म के लोग इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि उन्होनें कभी किसी से भेद-भाव नहीं किया। उन्होनें कहा कि मरहूम मौलाना साहिब हमेशा सम्मान के साथ याद किए जाएंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री जत्थेदार हीरा सिंह गाबडिय़ा ने कहा कि मरहूम शाही इमाम साहिब धार्मिक होने के साथ-साथ समाज सेवा में हमेशा तत्पर रहे और देश प्रेम में भी इनकी मिसाल नहीं मिलती, स्वतंत्रता सेनानी परिवार के वारिस होने का भी हक अदा किया। हमेशा आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ भी डट कर बोलते रहे और देश की फिरकाप्रस्त ताकतों को भी लताड़ते रहे। इस अवसर पर गुरूद्वारा दुख निवारण के मुख्य सेवादार प्रितपाल सिंह, रणजीत सिंह ढिल्लों, मदन लाल बगगा, परमिंदर मेहता, चेयरमैन अमरजीत सिंह टिक्का, रविंदर सिंह सियान, पार्षद राकेश पराशर, परमपाल सिंह, अतीक-उर-रहमान लुधियानवीं, गुरप्रीत सिंह बब्बल, दलजीत सिंह ग्रेवाल (भोला), आनंद किशोर, गुरमेल सिंह जीके, गुरसाहिब सिंह आदि ने भी मरहूम शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी को श्रद्धांजलि भेंट की। समागम का समापन पीर जी हुसैन अहमद साहिब बुढिय़ा यमुनानगर की ओर से दुआ करवा कर किया गया। इस अवसर पर जामा मस्जिद की ओर से लंगर का विशेष प्रबंध किया गया था व अलाइंस आफ सिख की ओर से छबील लगाई गई थी।

 

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