शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं सपुर्द-ए-खाक

लुधियाना जामा मस्जिद में दफनाया गया, जनाजे में शामिल हुए लाखों मुसलमान

मेराज़ आलम ब्यूरो रिपोर्ट

लुधियाना पंजाब , देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी परिवार के वारिस शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी (63) का बीते दिन सी.एम.सी अस्पताल लुधियाना में देहांत हो गया। इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजीऊन, 8 मार्च 1958 को मौलाना मुफ्ती मुहम्मद अहमद रहमानी लुधियानवी के घर जन्मे मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने अपने पिता के देहांत के बाद शाही इमाम पंजाब का पद संभाला था। आप पंजाब ही नहीं देश भर के मुसलमानो में लोकप्रिय थे। आप ने पंजाब में आपसी भाईचारा कायम रखने के साथ-साथ कई सौ बंद पड़ी मस्जिदों को खुलवाया और नई मस्जिदों को बनवाया। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने हमेशा हक और सचाई की आवाज बुलंद की, आप कभी किसी सरकार के आगे नहीं झुके। शाही इमाम पंजाब बेदाग शख्सीयत के मालिक थे। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे आपकी मस्जिद से कभी कोई सवाल करने वाला खाली नहीं लौटा। बिना धर्म और जात के भेद भाव के सबकी जरूरत पूरी करते थे। लॉकडॉउन में शाही इमाम साहिब ने ऐलान किया कि हम बिना फोटो लिए राशन घरों तक पहुंचाएंगे और फिर हजारों घरों तक समान पहुंचवाया। गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़ा काम किया, जगह-जगह मकतब (शाखाएं) खुलवाई और उच्च शिक्षा के लिए हजारों बच्चों की माली मदद करते रहे। अपने देश से हमेशा प्यार रहा इससे कभी कोई समझौता नहीं किया। पाकिस्तान को भी लताड़ते रहे, 15 अगस्त को कभी भी तिरंगा लहराना नहीं भूलते थे, आतंकवाद के खिलाफ हमेशा खुल कर बोले और देश में फिरका प्रस्ती का भी हमेशा डट कर मुकाबला किया। धार्मिक कट्टरवाद के हमेशा खिलाफ रहे। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी को इस्लामी विश्व में बड़ी अहमियत हासिल थी, मुस्लिम राजनीति में आपके बयान और राय को खास समझा जाता था, बीते एक माह पहले अचानक लीवर और किडनी में इन्फेक्शन की वजह से बीमार हो गए बीते 25 दिन तक चेन्नई के रेला हस्पताल में इलाज चला अभी तीन दिन पहले ही लुधियाना वापिस आए थे कि तबियत की खराबी की वजह से सी.एम.सी में दाखिल करवाया गया, जहां कल आपका देहांत हो गया, आपके परिवार में पत्नी नसीम अख्तर बेटी नगमा हबीब दो बेटे नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान और मुजाहिद तारिक है। वर्णनयोग है कि पंजाब की सरजमीन लुधियाना पर आज तक के इतिहास में सबसे बड़ी नमाज-ए-जनाजा में लाखों की संख्या में लोगों ने शामिल होकर शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं को श्रद्धाजंलि भेंट की। आपके देहांत पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी, पंजाब के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू व भारत के प्रमुख इस्लामिक विद्धान मौलाना सज्जाद नोमानी ने शाही इमाम साहिब के देहांत पर गहरा दु:ख प्रकट किया इनके इलावा पंजाब भर के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक व प्रशासनिक लोगों ने जामा मस्जिद पहुंच कर शोक व्यक्त किया। वर्णनयोग है कि शाही इमाम पंजाब के देहांत पर पंजाब सरकार की ओर से लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने फूलमाला अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी की नमाज-ए-जनाजा भारत के प्रसिद्ध इस्लामिक विद्धान पीर जी हुसैन अहमद बुढिया (यमुनानगर) वालों ने अदा करवाई, जिसके बाद आपको जामा मस्जिद के आंगन में अपने पिता की कब्र के साथ दफनाया गया। इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।

फोटो कैप्शन : शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं की नमाज-ए-जनाजा अदा करते हुए लाखों मुसलमान।

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