नई दिल्ली : फेसबुक ने भारत में कई सारे फेसबुक यूजर के अकाउंट पर बैन लगा दिया है। अगर आप तालिबान के समर्थन में कुछ भी लिखते हैं या बोलते हैं तो आपका भी अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाएगा। फेसबुक के प्रवक्ता का कहना है की तालिबान एक आतंकी संगठन है इसीलिए आप उनका समर्थन नहीं कर सकते । पर सवाल ये उठता है कि जिस- जिस देश ने तालिबान का समर्थन किया है क्या वहां फेसबुक अपना संचालन बंद करेगा? या फिर ये ढोंग है । फेसबुक ने मिल्लत टाइम्स के एडिटर इन चीफ शम्स तबरेज़ कासमी के अकाउंट पर भी 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है । इतना ही नही मिल्लत टाइम्स के पेज पर भी 60 दिनों तक लिए restrictions लगा दिया है। न अब इस पर कुछ पोस्ट कर सकते है न ही लाइव आ सकते है । पूरी कोशिश की जा रही है मिल्लत टाइम्स की आवाज को दबाने की उनकी रीच कम करने की । सवाल ये है की मिल्लत टाइम्स एक न्यूज़ पोर्टल है वो तो सच्चाई दुनिया के सामने रखेगी ही । क्या अब सोशल मीडिया को दबाने की भी कोशिश की जा रही है । इससे फेसबुक का दोहरा चरित्र सीधा सीधा नजर आता है । फेसबुक का कहना है की ये कम्युनिटी गाइडलाइंस के खिलाफ है। जब भारत सरकार ने तालीबान को आतंकवादी संगठन मानती ही नही है तो आप कैसे कह सकते है की ये कम्युनिटी गाइडलाइंस के खिलाफ है ? पूरी दुनिया जानती है की फेसबुक ने कुछ ही साल पहले वाट्स एप को खरीदा है और आज भी वाट्स एप का इस्तेमाल तालिबानी कर रहे है इस से ये साबित होता है की फेसबुक की कथनी और करनी में अंतर है। ये दोहरा चरित्र नही चलेगा। फेसबुक को ये ध्यान रखना चाहिए कि अमेरिकी कानून के हिसाब से वह आतंकवादी संगठन है ना कि भारतीय कानून के हिसाब से । शम्स तबरेज़ कासमी का कहना आप कुछ भी कर लो हम अपनी आवाज़ बुलंदी के साथ रखते रहेंगे।
Shayan Ashkar