‘उमर खालिद और खालिद सैफी गैंगस्टर नहीं हैं’,जो हथकड़ी लगा दी जाए ,कोर्ट ने खारिज की याचिका

Policemen simulate an arrest during national security day in Nice, southeastern France, October 10, 2009. REUTERS/Eric Gaillard (FRANCE CRIME LAW SOCIETY)

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र रहे उमर खालिद और सामाजिक कार्यकर्ता खालिद सैफी को हथकड़ी लगाकर निचली अदालतों में पेश करने की इजाज़त देने की पुलिस की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि ‘वे गैंगस्टर नहीं हैं.’ न्यायाधीश विनोद यादव के सामने सुनवाई के लिए पेश की गई इस याचिका में 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपियों उमर खालिद और खालिद सैफी को ‘पीछे की ओर से दोनों हाथों में हथकड़ी’ लगाने की इजाज़त मांगी गई थी. याचिका में कहा गया कि वे ‘उच्च जोखिम वाले कैदी’ हैं.

न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस और जेल के उच्च अधिकारियों ने बिना प्रक्रिया अपनाए और दिमाग लगाए यह आवेदन दाखिल किया है . न्यायाधीश ने बीते 5 जून को जारी अपने आदेश में कहा, ’’जिन आरोपियों को बेड़ियां और हथकड़ियां लगाकर पेश करने की इजाज़त मांगी गई है , वे पुराने किसी मामले में दोषी करार नहीं दिए गए हैं. वे गैंगस्टर भी नहीं हैं.’तो कैसे हम इसकी इजाज़त दे सकते हैं

गौरतलब है कि दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस ने उमर खालिद और खालिद सैफी के ऊपर कैद से भागने की आशंका जाहिर करते हुए अदालत में उन्हें हथकड़ी लगाकर पेश करने की इजाजत मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया.

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शम्स तबरेज़ क़ासमी मिल्लत टाइम्स ग्रुप के संस्थापक एंड चीफ संपादक हैं, ग्राउंड रिपोर्ट और कंटेंट राइटिंग के अलावा वो खबर दर खबर और डिबेट शो "देश के साथ" के होस्ट भी हैं सोशल मीडिया पर आप उनसे जुड़ सकते हैं Email: stqasmi@gmail.com