मुज़फ्फर इस्लाम की रिपोर्ट
घोसी,मऊ | रमज़ान के पवित्र माह का आखरी अशरह भी अब खत्म होने वाला है और इस आखरी अशरह में मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की जमकर खरीदारी करते थे बाज़ार सुबह से रात तक गुलज़ार रहती थी। परंतु कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार फिर लोगों को अपने अपने घरों में रहने पर मजबूर कर दिया है। और बाज़ारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। इस बार ईद की तैयारियां फीकी फीकी नज़र आ रही है और बाजारों की रौनक भी बिल्कुल गायब है। बृहस्पतिवार या शुक्रवार को ईद-उल-फितर का पर्व मनाया जाएगा जिसको लेकर घोसी चतरा वाली ईदगाह के इमाम मौलाना मुजीबुल इस्लाम ने बताया कि पूर्व की तरह इस बार भी ईद उल फितर की नमाज़ कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एवं सरकार की गाइडलाइंस पर अमल करते हुए ईदगाहों एवं मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पांच आदमी नमाज़ अदा करें और बाकी लोग अपने अपने घरों में नमाज़ अदा कर ईद का पर्व मनाएं। इस इम्तिहान की घड़ी में हमें लोगों को सब्र का दामन और भी मजबूती से था में रखना चाहिए। नमाज़ ईद उल फितर से पहले पहले सदक-ए-फितर अदा करें ताकि जो गरीब मिस्कीन है वह भी ईद की खुशी में शामिल हो जाएं। और अपने रब की बारगाह में दोनों हाथ उठाकर रो-रो कर अपने मुल्क हिंदुस्तान की अमन सलामती एवं खुशहाली के लिए और खासकर इस कोरोना संक्रमण से निजात के लिए दुआ करें