राशिद ज़हीर (मिल्लत टाइम्स) कोरोना काल में कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है जिसे देखकर खुद इंसानियत ही शर्मसार हो जा रही है ।लेकिन मेरठ में हिंदू मुस्लिम एकता की एक अनूठी मिसाल सामने आई है। मेरठ में एक हिंदू महिला की अर्थी को कंधा देने के लिए जब सगे संबंधियों रिश्तेदार आगे नहीं आए तब मुस्लिम युवकों ने अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार कराया।
एक महिला के अंतिम यात्रा की यह तस्वीरें मेरठ के हापुड़ स्टैंड का है ।जहां रामनगर मोहल्ले की एक महिला पिछले काफी समय से बीमार चल रही थी और बीमारी के चलते महिला ने आज दम तोड़ दिया। परिवार वालों ने अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कर ली। लेकिन जैसे ही अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट जाने का समय आया तो रिश्तेदारों ने अर्थी को कंधा देने से किनारा कर लिया ।काफी देर तक कशमकश चलती रही कि कौन अर्थी को कंधा देगा। कैसे अर्थी शमशान स्थल पहुंचेगी ।लेकिन ऐसे में यह पूरा नजारा देख रहे कुछ मुस्लिम युवक खुद ही आ गये। मृतक महिला के परिजनों ने मुस्लिम युवकों से मदद की गुहार लगाई जिस पर लोग राजी हो गए और उन्होंने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए अर्थी को कंधा दिया और शव को श्मशान घाट तक पहुंचा दिया। मेरठ के सूरजकुंड श्मशान घाट में महिला का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से किया गया ।श्मशान घाट में सगे संबंधी तो कम ही नजर आए जबकि मुस्लिम युवकों की भीड़ नजर आई। ये लोग शोक संवेदनाएं भी व्यक्त कर रहे थे ।
आपको बता दें कि कोरोनाकाल में बीमारी के खौफ से लोग अंतिम संस्कार और मौत जैसे मामलों में एक दूसरे से किनारा कर रहे हैं। आलम यह है कि अर्थी को कंधा देने तक लोग नहीं जा रहे हैं. ऐसे में मेरठ में धर्म का बंधन छोड़कर मानवता की मिसाल कायम करने वालो को सलाम