दिल्ली हाईकोर्ट ने सशर्त निजामुद्दीन मरकज़ में नमाज पढ़ने की दी इजाजत

नई दिल्ली ( शबीना सैय्यद )

देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसी बीच हाई कोर्ट द्वारा कल 15 अप्रैल को निजामुद्दीन मरकज़ की बंगले वाली मस्जिद में मजान के दौरान 50 लोगों को नमाज़ अदा करने की इजाजत दे दी है। गौरतलब हो कि पिछले साल तब्लीगी जमात को कोरोना फ़ैलाने का जिम्मेदार ठहराया गया था, उन पर तरह तरह के इल्जाम लगाए गए थे, उनको कोरोना जिहाद तक का नाम दे दिया गया था. और भी कई तरह के आरोपों का सामना तब्लीगी जमात को करना पड़ा था. इस मामले पर सियासत भी खूब हुई, सोशल मीडिया में भी इस मामले को खूब उछाला गया था। विगत वर्ष कोरोना नियमों की अनदेखी करके तब्लीगी जमात से जुड़े समारोह करने पर मस्जिद को बंद कर दिया गया था।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा है कि जब और धार्मिक स्थल खुले हुए हैं तो फिर मस्जिद को भी खोलने की इजाजत दी जाती है। उन्होंने केंद्र सरकार की दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया है। जिसमें कहा गया था कि अन्य धार्मिक स्थल में आरती में लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं है पर वो लाइन में लगकर आरती के दर्शन कर सकते हैं।
सरकार ने भी कहा था कि एक साथ इन लोगों को मस्जिद में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती पर अब हाई कोर्ट ने एक साथ 50 लोगों को मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने की अपील को स्वीकार कर लिया है।

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