और जब मिल्लत टाइम्स के दो पत्रकारों को डासना के मंदिर से रिपोर्टिंग करने से रोका गया

नई दिल्ली (असरार अहमद )…..गाजियाबाद के डासना में एक मंदिर में पानी पी लेने के जुर्म में जिस तरह से एक 13 साल के मासूम आसिफ को बेदर्दी से पीटा गया और उसके बाद सोशल मीडिया पर पिटाई की वीडियो बनाकर कर वायरल की गई ,उस वीडियो को जिस भी धर्म के लोगों ने देखा सबने अपनी गर्दन शर्म से झुका ली लेकिन कुछ बेशर्मों को आज तक उस घटना पर अफ़सोस तक नहीं है .

आसिफ के घर जब मिल्लत टाइम्स के पत्रकार (असरार अहमद और अकरम जफीर ) पहुंचे तो आसिफ के घर वालों ने बताया की जब से मंदिर में दूसरा महंत आया है तब से ऐसा माहौल बन गया है कि मंदिर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है .
दरअसल हुआ यह कि जब हम लोग मंदिर के पास पहुंचे तो मंदिर के गेट पर लिखा देखा कि मंदिर के अंदर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है हम लोगों ने बाहर खड़े होकर अंदर से एक बन्दे को बुलाया जिसका नाम तो नहीं पुछा बल्कि आप उसके शब्द से समझ सकते हैं कि उसके दिमाग में मुसलमानों के प्रति कितनी नफरत भरी हुई है ,मंदिर के गेट के पास आते ही 14 साल के उस नौजवान ने सबसे पहले हम दोनों की पूरी बॉडी चेक किया और कहा कि आसिफ को हमारे जिस भाई पर बजाने का आरोप लगा है वह अंदर ही है (श्रीगिनंदन यादव जब आसिफ को बे दर्दी से पीट रहा था उस समय जिसने उस घटना कि वीडियो बनाई थी उसके बारे में बता रहा था ) हमने उससे कहा कि उसको बाहर बुलावो यहीं पर बात कर लेते हैं लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया जब हमने उससे पहले दिन के मामले के जानने की कोशिश की तो उसने बगैर सोचे बोला कि आसिफ तो शिव लिंग पर पेशाब करने और चोरी करने आया था जिसकी वजह से उसकी पिटाई की गई .

अभी तक उस 14 साला नौजवान को यह नहीं पता था कि यह दोनों जो मुझसे बात कर रहे हैं मुस्लिम हैं जिसकी वजह से वह लगातार मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगले जा रहा था ,मुसलमानों को गलियां दे रहा था और कहा कि अगर इस मंदिर में आगे भी कोई मुस्लिम आता है तो उसका भी आसिफ की तरह अंजाम होगा।

उसने कहा कि आप अंदर आ सकते हो लेकिन जैसे ही उसने पुछा आप लोगों का नाम क्या है हमारे नाम बताते ही उसको बहुत बड़ा शॉक लगा कि अभी तक जिससे मैं इतनी सारी बातें कह गया वह दोनों खुद एक मुस्लिम हैं जिसके खिलाफ इतनी नफ़रतें मैं उगल रहा था वह तो मुस्लिम निकले, हम दोनों ने जैसे ही नाम बताया उसने मंदिर के गेट को बंद करते हुए बोला की मुसलमानों का मंदिर में आना मना है . गेट बंद करके वह मंदिर के अंदर चला गया कुछ देर इंतजार करने के बाद जब वह वापस नहीं आया तो हम लोग भी वहां से फिर आसिफ के घर आगए .

आप उसकी बातों से अंदाजा लगा सकते हैं किस तरह की नफ़रतें उस 14 साल के नौजवान के अंदर भरी गई है उसकी बातों से पता चल रहा था कि उसको बचपन से ही मुसलमानों के खिलाफ किस तरह की नफरत सिखाई गई है ऐसा महसुस हुआ कि उसका बचपना नफरत के माहौल में गुजरा और नफरत के माहौल में ही उसकी जिंदगी गुजर रही है .
उस मंदिर के महंत से कुछ सवाल है कि आखिर मुस्लिम पत्रकारों को मंन्दिर के अंदर क्यों नहीं जाने दिया गया ?
मंदिर के अंदर ऐसी क्या चीजें हैं जिसको छिपाने के लिए ख़ास समुदाय के पत्रकारों को अंदर जाने से रोका जा रहा है ?
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के अंदर तलवारें और बंदूके भरी पड़ी हैं ,धारदार हथियार और औज़ार मंदिर के अंदर मौजूद है अगर ऐसा है तो प्रशसन क्या कर रहा है ?लोगों का यह भी कहना है हमने प्रशसन को इसकी पूरी जानकारी दी है उसके बावजूद भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है
क्या प्रशसन किसी अनहोनी के इंतजार में है ?

 

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शम्स तबरेज़ क़ासमी मिल्लत टाइम्स ग्रुप के संस्थापक एंड चीफ संपादक हैं, ग्राउंड रिपोर्ट और कंटेंट राइटिंग के अलावा वो खबर दर खबर और डिबेट शो "देश के साथ" के होस्ट भी हैं सोशल मीडिया पर आप उनसे जुड़ सकते हैं Email: stqasmi@gmail.com