क़ुरान में एक बिन्दु के बदलने की भी गुंजाइश नहीं: मौलाना मोहम्मद वली रहमानी

 

क़ुरान पाक की आयतों को हटाने के बारे में वसीम रिज़वी की बकवास पर महासचिव ऑल इंडिया मुस्लिम प्रसनल लॉ बोर्ड की सख़्त प्रतिक्रिया

क़ुरान करीम अल्लाह तआला की नाज़िल की हुई किताब है। इस बात पर पूरी दुनिया के सभी मसलक के मुसलमान पूरी तरह सहमत हैं कि क़ुरान करीम अपनी असली नाज़िल की हुई सूरत में पूरी दुनिया में मौजूद है, और इन शा अल्लाह रहती दुनिया तक बाक़ी रहेगा । क़ुरान की किसी आयत में बदलाव के बारे में सोचना तो दूर इस के ज़ेर ज़बर एवं नुक्ता (बिन्दु) तक में भी बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है । आज तक जितने लोगों ने कुरान पर आलोचना करने की कोशिश की है उन को नाकाम होना पड़ा है । यूपी के कुख्यात व्यक्ति शिया वक़्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने फिर कुरान के बारे में जहर उगला है और क़ुरान की 26 आयतों को हटाने के बारे में सुप्रीम कोर्ट में पेटीशन दिया है । यह केवल पब्लिसिटी स्टंट है और व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से है । यह बातें ऑल इंडिया मुस्लिम प्रसनल लॉ बोर्ड के महा सचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने वसीम रिजवी की कुरान के संबंध में हाल में किए गए दुस्साहस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहीं।
महा सचिव बोर्ड ने आगे कहा कि वसीम रिज़वी की यह हरकत कोई नई नहीं है। ऐसी बदतमीज़ीयां वह इसलाम, मुसलमानों एवं इस्लामी संस्कारों के बारे में पहले भी करते रहे हैं। जो लोग उन को जानते हैं और समाचारों पर नज़र रखते हैं वह भली भांति इस से अवगत हैं । इस बार उन्हों ने न केवल क़ुरान करीम के बारे मे बल्कि सैयदना हज़रत आबु बकर सिद्दिक, सैयदना हज़रत उम्र फ़रूक, सैयदना हज़रत उस्मान तथा उम्महातुल मोमिनीन (रज़ी अल्लाह अनहुम) के बारे में भी बहुत गलत सलत बातें कही हैं। सभी खुलफ़ा-ए- राशिदीन तथा उम्महातुल मोमिनीन और सहाबा की जमात पवित्र लोगों की जमात है इन के विरुद्ध कोई ईमान वाला ज़बान नहीं खोल सकता । इनके विरुद्ध जहर उगलने वाले व्यक्ति के लिए इस्लाम में कोई स्थान नहीं है।
मौलाना रहमानी ने आगे कहा कि कुरान करीम की आयतों को हटाने या मिटाने का मामला किसी फिरका या मसलक का नहीं है अपितु पूरी दुनिया के मुसलमानों की आस्था से संबंधित है । इस लिए मैं मुसलमानों की सभी जमातों चाहे शिया , सुन्नी,बोहरा , देवबंदी ,बरेल्वी, अहले हदीस हों या किसी भी दुसरे वर्ग या मसलक से संबंधित हों सब से अपील करता हूँ कि इस मामले में भड़काव में आने की या विरोध प्रदर्शन, धरना या जलसे जुलूस की बिलकुल आवश्यक्ता नहीं है । मामला सर्वोच्च नयायालय में है ऑल इंडिया मुस्लिम प्रसनल लॉ बोर्ड की न्यायायिक टीम इस मामले को आरंभ से ही देख रही है और उस ने अपना पक्ष कानूनी विशेषज्ञों के सलाह मशवरा से तैयार कर लिया है, पेटीशन तैयार हो रही है जो विशेषज्ञों के मशवरे से सही समय आने पर सर्वोच्च नयायालय में पेश किया जाएगा ।और पूरी मजबूती से सुप्रीम कोर्ट में मुसलमानों का पाक्स रखा जाएगा ।

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