9 फरवरी, 2021 को, एक ऐसी घटना में, जो लोकतांत्रिक आवाजों पर हो रहे हमलों में से एक है, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के सैदुल्लाजाब में मीडिया-हाउस न्यूज़क्लिक के कार्यालय पर छापा मारा। न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और संपादक प्रांजल के आवास पर भी छापा मारा गया।
इसके अलावा, जिनके निवास पर छापा मारा गया है उनसे मीडिया को ED ने संपर्क भी नहीं करने दिया, जिसकी वजर से मीडिया उन्हें सुन नहीं पाई है। कथित तौर पर, कार्यालय और उक्त आवासों पर एक धन शोधन मामले की कार्यवाही के लिए छाप मार गया।
यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब देश में कई लोकतांत्रिक आवाजों पर दमन हो रहा है। दिसंबर, 2020 में महमूद प्राचा के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस ने छापा मारा था। इस छापेमारी में पुलिस ने महमूद प्राचा के कुछ सामानों को भी जब्त कर लिया था। प्रचा पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई मुस्लिमों के खिलाफ हुई हिंसा और दंगों में पीड़ितों का साथ दे रहे थे।
इसके अलावा, यह आरोप लगाना सरकार की रणनीति रही है कि लोकतांत्रिक आवाज़ें “संदिग्ध” स्रोतों से पैसे लेती हैं, यही बात इन्होंने आज न्यूज़क्लिक पर छापे के बाद कही है। केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन, जो कि केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की दिल्ली इकाई के सचिव भी हैं, को गिरफ्तार कर पुलिस ने उसपर अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) लगा दिया। कप्पन पिछले साल हाथरस में हुए सामूहिक बलात्कार को कवर करने के लिए जा रहे थे जब उनहे पुलिस ने गिरफ्तार किया। तीन अन्य कार्यकर्ता को भी पुलिस ने कप्पन के साथ गिरफ्तार किया था जो आज जेल में बंद हैं । उस मामले में भी सरकार का कहना रहा है कि कप्पन “संदिग्ध” और “विदेशी” स्रोतों से पैसा ले रहे थे।
यह स्पष्ट है कि जो लोग न्याय के लिए आवाज उठाते हैं और लोकतंत्र के लिए खड़े होते हैं, उन पर इस सरकार द्वारा बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं और हमला किया जाता है । सरकार अपने सत्तावादी चरित्र के खिलाफ बोलने वाले और न्याय के लिए लड़ने वाले सभी लोगों को हांक रही है। न्यूज़क्लिक पर आज जो छापा मार गया, वही बाकी न्यायपसंद पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों पर हो रहे हमले का ही एक हिस्सा है।
नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (एन.सी.एच.आर.ओ) न्यूज़क्लिक, और हर न्यायपसंद व्यक्ति और संगठन के साथ एकजुटता से खड़ा है। हमें लगता है कि यह शर्मनाक है कि सरकार उन सभी पर हमला कर रही है जो अन्याय के खिलाफ बोल रहे हैं। एनसीएचआरओ न्यूजक्लिक के कार्यालय और उसके संपादकों और संपादक-प्रमुख के आवासों पर छापे की निंदा करता है, और सभी प्रगतिशील लोगों से अपील करता है की वह लोकतान्त्रिक आवाजों पर हो रहे हमले के खिलाफ लड़ने आगे आएँ।
साभार,
ऐड्वकेट शरफुद्दीन एम.के.,
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति,
एनसीएचआरओ