नई दिल्ली( असरार अहमद )
उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप का शिकार हुई 20 वर्षीय दलित युवती की बीती रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
पीड़िता के भाई ने न्यूज़ चँनलो से बात करते हुए मौत की पुष्टि की है. और पुलिस पर अनदेखी के आरोप भी लगाए है पीड़िता के भाई में कहा है की पुलिस ने घटना के कुछ दिन बाद तक मामला दर्ज तक नहीं कर रही थी .दबाव पढ़ने के बाद उसने FIR दर्ज की .वही हाथरस पुलिस का कहना है की हमने घटना के पश्चात ही मामला दर्ज कर लिया था और हाथरस पुलिस का कहना है कि इस मामले में सभी चार अभियुक्तों को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया है.
पीड़िता को सोमवार को ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज से सफदरजंग अस्पताल लाया गया था. वो बीते दो सप्ताह से मौत से जंग लड़ रही थी.
पीड़िता के परिवार का आरोप है कि उसके साथ 14 सितंबर को तब गैंगरेप किया गया, जब वो अपनी माँ और भाई के साथ घास काटने गई थी.
पीड़िता के भाई ने बताया, “मेरी बहन, माँ और बड़ा भाई घास काटने गए थे. भाई एक गठरी घास लेकर घर आ गया था. माँ आगे घास काट रही थी, वो पीछे थी. वहीं उसे खींचकर गैंगरेप किया गया. वो मेरी माँ को बेहोशी की हालत में मिली थी.
चंद्रशेखर आज़ाद शनिवार को अलीगढ़ में पीड़िता से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने पीड़िता को बेहतर इलाज न मिलने और जाँच में लापरवाही का मुद्दा उठाया था. और अब उत्तर प्रदेश की सरकार को भी घेरा है और उसका जिम्मेदार योगी आदित्यनाथ को बताया है .
चंद्र शेखर आज़ाद ने ट्वीट करके कहा
“हाथरस की हमारी बहन जो दरिंदगी का शिकार हुई थी, अब इस दुनिया मे नही रही। मै बार बार यह मांग करता रहा कि उसे AIIMS में भर्ती कराया जाए, लेकिन BJP सरकार ने ऐसा नहीं किया। हमारी बहन की मौत के ज़िम्मेदार जितने वे बलात्कारी दरिंदे हैं उतनी ही जिम्मेदार उत्तरप्रदेस सरकार भी है” ।
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी घटना के बाद कई शहरों में प्रदर्शन किया है.
लेकिन ऐसा परतीत होता है की उत्तर प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है . हर दिन किसी न किसी जनपद में ऐसी घटनाये घट रही हैं और बेटियाँ इसका शिकार हो रही है.
















