दो अक्टू बर से जामिया होगा प्लास्टिक फ्री , लगेगा 500 रुपये फाइन..

प्रदूषण की एक बड़ी वजह प्‍लास्‍ट‍िक का इस्‍तेमाल भी है. इसका प्रयोग कम करने के ल‍िये सरकार लगातार नये कदम उठा रही है. इसी कड़ी में देश की सबसे प्रतिष्‍ठ‍ित यूनिवर्सिटीज में एक जामिया म‍िल्‍ल‍िया इस्‍लाम‍िया(जेएमआई) ने भी प्‍लास्‍ट‍िक के उपयोग पर एक बड़ा फैसला ल‍िया है. जामिया म‍िल्‍ल‍िया इस्‍लामिया(JMI) में अब प्‍लास्‍ट‍िक इस्‍तेमाल पर पूरी तरह रोक होगा और यह नियम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 02 अक्टूबर, 2019 से लागू होगा.

यूनिवर्सिटी ने सभी स‍िंंगल यूज प्‍लास्‍ट‍िक पर रोक लगाने का फैसला क‍िया है. ल‍िहाजा, जाम‍िया के कम्‍यून‍िटी सेंटर, सभी कैंटीन, दुकानों, कॉफी हाउस और हॉटल तक में प्‍लास्‍ट‍िक पर बैन होगा. बैन होने वाली प्‍लास्‍ट‍िक की वस्‍तुओं में वो चीजें शामिल होंगी, जो चौड़ाई में 50 माइक्रॉन से कम होंगी. इसमें प्‍लास्‍टि‍क बोतल, कप, ग्‍लास, पॉलिथ‍िन बैग और अन्‍य प्‍लास्‍ट‍िक आइटम शामिल हैं. यही नहीं थर्मोकोल से न‍िर्म‍ित वस्‍तुएं, जैसे क‍ि कप, ग्‍लास और प्‍लेटों पर भी रोक होगा.

देना होगा मोटा फाइन:
यूनिवर्स‍िटी के इस न‍ियम को ना मानने वाले लोगों को मोटा फाइन भरना होगा. नियमों का उल्‍लंघन करने वाले लोगों को 500 रुपये का फाइन देना होगा.

बता दें क‍ि इस साल स्‍वतंत्रता द‍िवस 2019 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्‍लास्टिक वस्‍तुओं के प्रयोग को रोकने को कहा था. पीएम मोदी ने कहा था क‍ि पर्यावरण की हो रही हानि को रोकने के ल‍िये प्‍लास्‍ट‍िक का इस्‍तेमाल ना करें.

जामिया म‍िल्‍लि‍या इस्‍लाम‍िया:
जामिया मिल्‍ल‍िया इस्लामिया यूनिवर्सिटी को मूल रूप से साल 1920 में अलीगढ़ में स्थापित क‍िया गया था. तब यह भारत का संयुक्त प्रांत था. इसके बाद साल 1988 में भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा इसे केंद्रीय विश्‍वविद्यालय का रूप म‍िला. उर्दू में जामिया का अर्थ होता है ‘यूनिवर्सिटी’ और म‍िल्‍ल‍िया का तात्‍पर्य ‘राष्‍ट्र’ या ‘देश’ होता है. INPUT;(NEWS 18)

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