मिल्लत टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क / राहत अंजुम
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली के एक होटल में आयोजित डिनर मीटिंग में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, डीएमके, बीजू जनता दल, मुस्लिम लीग समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने शिरकत की। बैठक में असम में बंगाली भाषी मुस्लिमों के साथ हो रहे व्यवहार, फिलिस्तीन को लेकर भारत की विदेश नीति, देश में बढ़ती नफरत और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही घटनाओं पर गंभीर चर्चा हुई।
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जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बैठक में असम की स्थिति पर चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि सभी दलों का एक संयुक्त संसदीय प्रतिनिधिमंडल असम भेजा जाए ताकि जमीनी हालात की सच्चाई सामने आ सके। सांसदों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और फिलिस्तीन के मसले पर भारत की मौजूदा नीति को ऐतिहासिक रुख से हटकर बताया। नेताओं ने एकजुट होकर संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने की बात कही।