नई दिल्ली, मेंगलुरु मलाली मस्जिद मामले में कोर्ट सुनवाई करने के लिए तैयार हो चुका है। विश्व हिंदू परिषद ने कोर्ट में अर्ज़ी दायर करके दावा किया था कि ये मस्जिद एक मंदिर की जगह बनाई गई है। जिसे लेकर सर्वे कराए जाने की मांग की गई थी। जिसके बाद अब मेंगलुरु कोर्ट अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
बताया जा रहा है कि जल्द इस मामले पर कोर्ट सुनवाई कर सकता है लेकिन अभी इस मामले में कोर्ट ने कोई तारीख़ नहीं दी है। दरअसल ज्ञानवापी की तरह यह दूसरी ऐसी मस्जिद है जिसमें हिंदू संगठन ने मदिंर होने का दावा करते हुए सर्वे की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) की पूरी कोशिश यही है कि जल्द से जल्द इस मामले पर सुनवाई की जाए। वहीं मुस्लिम फरीक़ (पक्ष) का कहना है कि ये ज़मीन वक़्फ़ बोर्ड की है और यहां कोई भी मंदिर नहीं था। दोनों ही फ़रीक़ अपनी दलीलें अब कोर्ट में पेश करेंगे।
खबर के मुताबिक इस पूरे मामले में वीएचपी लीडर विनोद बंसल ने कहा कि “सच सबके सामने आना चाहिए। देश के अंदर अनेक मंदिरों को तोड़कर मस्जिदनुमा ढांचे खड़े किए गए, इनकी जांच होनी चाहिए और सच अवाम के सामने आना चाहिए। वीएचपी ने पहले भी इस मामले को लेकर एहतेजाज किया था, जिसके बाद अर्ज़ी दायर की थी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अदालत इसकी जांच के अहकामात जारी करेगी और हिंदू समाज को पूजा का हक़ मिलेगा।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले के बाद पूरे देशभर में तमाम मस्जिदों पर हिंदू संगठनो ने सवाल उठाए थे। इसी दौरान कर्नाटक के मेंगलुरु की पुरानी मस्जिद को लेकर भी विवाद सामने आया। इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद ने दावा किया कि मस्जिद के नीचे मंदिर के प्रमाण मिले हैं।
जिसके बाद सर्वे कराए जाने की मांग तेज हुई। ये दावा किया गया कि मंदिर को तोड़कर ये मस्जिद बनाई गई। वीएचपी ने मंदिर के पास अनुष्ठान भी करने का ऐलान किया और प्रदर्शन हुआ। विवाद तब खड़ा हुआ जब मस्जिद में कुछ कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था, इस दौरान जब मलबा हटाया गया तो मंदिर जैसे वास्तुशिल्प मिलने का दावा किया गया। मामला कोर्ट तक पहुंचा और अब इस मामले पर कोर्ट सुनवाई के लिए राजी भी हो चुका है। देखने यह है की कोर्ट इस मामले में किस तरीके से न्याय करता है।