नई दिल्ली, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे के अवसर पर जनसंख्या नीति और उसमें संतुलन के महत्व को लेकर बात की है। इस बीच ओवैसी ने मोहन भागवत के बयान का जवाब दिया है।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दशहरा मोहन भागवत के लिए हेट स्पीच का वार्षिक दिवस है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या में असंतुलन के भय से दुनिया के कई हिस्सों में नरसंहार और हेट क्राइम की घटनाएं हुई हैं।
दऱअसल भगवत ने कहा है कि जब कभी किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन पैदा होता है तब उस देश की भौगोलिक सीमा में भी परिवर्तन होता है। इस बात ओवैसी ने कहा कि कोसोवो सर्बियाई राष्ट्रवादियों की ओर से अल्बानियाई मुसलमानों के नरसंहार के बाद बनाया गया था। अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है तो असंतुलन कहां है?।
ओवैसी ने जोर देते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमने पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर ली है।उन्होंने कहा कि आज चिंता बढ़ती उम्र और बेरोजगार युवाओं की है, जो बुजुर्गों को सपोर्ट नहीं कर सकते। उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों में प्रजनन दर में सबसे तेज गिरावट हुई है।
For Mohan, it is Annual Day of Dog Whistles & Hate Speech. Fear-mongering over “population imbalance” has resulted in genocide, ethnic cleansing & hate crimes across the world. Kosovo was created after a genocide of Albanian Muslims by Serbian nationalists. 1/2 https://t.co/XGrAr4jkph
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 5, 2022
बता दें मोहन ने बयान देते हुए कहा था कि देश में जनसंख्या (Population) को लेकर असंतुलन होता है, तब उस देश की भौगोलिक सीमा में भी बदलाव देखने को मिलता है। बर्थ रेट में असमानता के साथ-साथ लालच, जबरदस्ती और देश में हुई घुसपैठ भी इसकी बड़ी वजह हैं। जनसंख्या नियंत्रण के साथ ही जनसंख्या संतुलन भी अहम मुद्दे हैं, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
उन्होंने आग कहा कि एक क्षेत्र में जनसंख्या संतुलन बिगड़ने का नतीजा है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सूडान से दक्षिण सूडान और सर्बिया से कोसोवो देश बन गए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीयों की जिम्मेदारी है कि सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करें।