नई दिल्ली, मध्य प्रदेश के रायसेन में गणपति विसर्ज के दौरान एक मामूली घटना के कारण हिंसा हो गई। शहर में कई जगह गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटना को अंजाम दिया गया। तनाव के माहौल को देखते हुए शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए।
दरअसल पूरा मामला यह है कि गणपति जुलूस के दौरान मुसलमानों के घर बाहर डीजे पर डांस किया जा रहा था, वहीं एक घर से चप्पल गिर जाती है, इस बात पर वहां खड़े मुसलमानो से बहस होने लगी। बात इतनी बढ़ गई कि गुस्से में कुछ लोगों ने कई दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ की गई और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को कम करना चाहा। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद लोग और भड़क गए जिसके कारण ज्यादा हिंसा हुई। वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुस्लिम महिला सहित 6 लोगों पर कठोर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। साथ ही उनके घर तोड़ने की मांग कर रहे है।
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को हिंसा फैलाते देखा जा सकता है। कहा जा रहा मुस्लिम महिला ने जूलुस पर चप्पल इसलिए फेंकी क्योंकि उसके घर के बाहर कई तरह गाने बजाए जा रहे थे, उसने उसका विरोध किया।
MP: A woman opposed playing a provoking song (Raj Tilak Ki Karo Taiyari) outside her home while #GaneshVisarjan procession was passing through her locality in Raisen Dist and she threw unused sleeper.
In the next hours, the town was plundered by the mob.https://t.co/ztSxtXiMMg
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) September 11, 2022
इस मामूली सी घटना के कारण पूरे शहर में अगजनी कर दी गई। सवाल यह उठता है हिंसा की वजह एक समुदाय हो या दोनों लेकिन पहले कार्रवाई मुसलमानों पर ही क्यों की जाती है। हिंसा फैलाने वाले अगर मुसलमान हो तो उन्हें उप्रवादी बताकर पकड़ लिया जाता है, वहीं दूसरे समुदाय होने के कारण मीडिया उसे दबाया जाता है। साथ ही पुलिस कार्रवाई करने में देरी होती है।