मुसलमानों की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, सरकार और समुदाय दोनों को और सुधार करने की जरूरत : प्रोफेसर अमिताभ कुंडू

नई दिल्ली(रुखसार अहमद) मशहूर इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिवे स्टडीस (IOS) ने एक प्रोग्राम आयोजित किया। जिसमें मुसलमानों और महिलाओं की शिक्षा से जुड़े मुद्दों को उठाया गया। वहीं इस प्रोग्राम में शिरकत करने के लिए मशहूर बुद्धिजीवी प्रोफेसर अमिताभ कुंडू भी शामिल हुए, जिन्होंने मुसलमानों के शिक्षा दर पर बात की।

अमिताभ कुंडू ने कहा कि मुसलमानों में शिक्षा की दर कुछ हद तक बढ़ी है , लेकिन महिलाओं की शिक्षा की दर अभी बहुत कम है। आज भी मुस्लिम लड़कियों की ड्रॉपआउट दर बहुत अधिक है, उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों में शिक्षा में सबसे अधिक ड्रॉपआउट दर है, उनमें से पचास प्रतिशत आर्थिक तंगी के कारण हैं।

मुसलमानों की अर्थव्यवस्था की दर अब तक बेहतर नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी जिसमें अब सुधार हुआ है, लेकिन पिछले 8 सालों में सुधार की दर अच्छी नहीं रही है, विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया की आय 58% थी जो अब केवल 12% है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चीन से बेहतर है। देश में अब अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, लेकिन भारत में मानव विकास की दर अच्छी नहीं है और न ही कोई वृद्धि हुई है। दलितों और ओबीसी की तुलना में इन क्षेत्रों में मुसलमानों की स्थिति में सुधार हुआ है। मुसलमानों में 5 साल तक के बच्चों की मौत कम है। अमिताभ  ने अपने भाषण में कहा कि इस्लाम में आमतौर पर मुस्लिम लड़कियों को अधिक सम्मान दिया जाता है। उन्होंने आरक्षण का भी जिक्र किया और कहा कि अन्य समुदायों के सुधार से भी आरक्षण मिलता है जो मुसलमानों को नहीं मिलता, ओबीसी सूची में ही राज्य स्तर पर मुसलमानों को आरक्षण दिया जाता है।

बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज की आम सभा की बैठक इन सब मामलों पर बात रखी गई थी, आईओएस गवर्निंग काउंसिल की बैठक 3 सितंबर को हुई थी और महासभा आज 4 सितंबर को हुई थी। दोनों बैठकों में आईओएस के पिछले प्रदर्शन की समीक्षा की गई, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए समिति द्वारा तय किए गए नाम की पुष्टि की गई, शाह वलीउल्लाह पुरस्कार की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, आने वाले वर्षों में अनुसंधान और शोध किया गया मानवीय गरिमा की परियोजना के काम को और बढ़ाने के लिए लिया गया था, विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कि मानवीय गरिमा की परियोजना पर अधिक सावधानी से काम किया जाएगा और श्रृंखला को आगे बढ़ाया जाएगा।

इस अवसर पर आईओएस की तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। मौलाना मुबारक एहसान गिलानी जीवन और सेवाएं, इस्लामी अर्थव्यवस्था: स्रोत और चर्चा और इतिहास, भारत में मदरसों की स्थिति, इस्लाम की प्रसिद्ध महिला, हज़रत आयशा (अल्लाह उस पर प्रसन्न हो) धार्मिक पत्रिकाओं आदि की पत्रकारिता सेवाएं। बैठक में आईओएस सेंटर फॉर जनरल स्टडीज कालीकट, आईओएस सेंटर फॉर हिस्टोरिकल एंड कल्चरल एजुकेशन अलीगढ़, मुजदादी आईओएस सेंटर फॉर आर्ट एंड कल्चर सेंटर नई दिल्ली की सेवाओं और गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। बैठक में आईओएस के अध्यक्ष डॉ मंजूर आलम, उपाध्यक्ष डॉ अफजल वारसी ,सहायक महासचिव प्रो हसीना हाशिया,प्रो जमालुद्दीन आदि ने हिस्सा लिया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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