असम सरकार ने एक महीने तीन मदरसों पर चलाया बुलडोजर

नई दिल्ली (रुखसार अहमद) भाजपा शासित राज्य असम में मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है। असम सरकार ने एक और मदरसा को ध्वस्त कर दिया है। पहले सरकारी मदरसों को स्कूल में तब्दील किया उसके बाद अब प्राइवेट मदरसों को आतंकवाद का गढ़ बताकर जमींदोज़ किया जा रहा है।

हैरानी है असम में केवल मादरसों पर ही क्यों कार्रवाई की जा रही है। दऱअसल बोंगाईगांव ज़िले के एक मदरसे के संचालकों पर चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर बुलडोज़र से मदरसे को ढह दिया गया। एक महीना में यह तीसरा मदरसा है जिस पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।

बता दें कबैतरी पार्ट-4 गांव में बने मरकाजुल मा-आरिफ कुआरियाना मदरसे को गिराने के लिए कई बुलडोजर बुलाए गए थे। इलाके में बड़ी संख्या में सैन्य बल भी तैनात किया गया था।

असम में हाल ही में इमाम और मदरसे के शिक्षकों समेत 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन पर आरोप था कि ये आतंकी संगठनों AQIS (अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट) और ABT (अंसारुल्लाह बांग्ला टीम) से जुड़े हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद से ही प्रशासन मदरसों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले प्रशासन ने 4 और 29 अगस्त को दो और मदरसे गिराए थे।

AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मदरसे बनाने में 20-30 साल लगते हैं, लेकिन सरकार एक दिन में बुलडोजर चलाकर गिरा रही है। राज्य में लाखों स्कूल है और क्या स्कूल में कोई व्यक्ति अपराधी होगा, तो स्कूल को गिरा दिया जाएगा।

सोमवार यानी 29 अगस्त को असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि मदरसों को आतंकियों के ट्रेनिंग हब के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इन मदरसों में शिक्षा की बजाय आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है। एक सीएम का मदरसों को लेकर ऐसा बयान देना लगता है कि मुसलमानो के खिलाफ ही असम सरकार काम कर रही है। 29 अगस्त को राज्य सरकार ने बरपेटा जिले के ढाकलीपारा इलाके में शेखुल हिंद महमुदुल हसन जमुइल हुदा इस्लामिक एकेडमी मदरसे को ढहाया था।

इस मदरसे में भी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने का आरोप था। साथ ही यह अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया था। वहीं 4 अगस्त को सारुल्लाह बांग्ला और AQIS संगठन से कनेक्शन के आरोप में प्रशासन ने पहली बार कार्रवाई की थी। प्रशासन ने इसके संचालक मुस्तफा को पहले गिरफ्तार किया, फिर उसके निजी मदरसे को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया था।

असम में 2020 में पहली बार राज्य सरकार ने मदरसों का अनुदान बंद कर दिया। उस वक्त हिमंत बिस्वा सरमा राज्य के शिक्षा मंत्री थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुदान बंद होने की वजह राज्य में 2 साल में करीब 800 मदरसे बंद हो गए। हालांकि 1000 से ज्यादा निजी मदरसे अब भी चल रहे हैं। इनका संचालन ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया करती है।

 

 

 

 

SHARE
आप अपना लेख, न्यूज़, मजमून, ग्राउंड रिपोर्ट और प्रेस रिलीज़ हमें भेज सकते हैं Email: millattimeshindi@gmail.com