नई दिल्ली, ऑपरेशन सरहद के तहत राजस्थान पुलिस की खुफिया ब्रांच ने ISI के दो संदिग्ध एजेंटों को भीलवाड़ा और जयपुर के ग्रामीण इलाकों से गिरफ्तार किया है।
जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनका नाम नारायण लाल गदरी और कुलदीप सिंह शेखावत है। दोनों आरोपियों से इंटेलिजेंस एजेंसियां पूछताछ कर रही है। खबरो के मुताबिक नारायण लाल गाडरी पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान के हैंडलर्स को भारतीय मोबाइल की सिम उपलब्ध करवाई ताकि वो सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर भारतीय सैनिकों व बॉर्डर इलाके के लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसा सके।
इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि भीलवाड़ा के बेमाली निवासी नारायण लाल गाडरी और कुलदीप सिंह शेखावत को पाली के जैतारण से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी दोनों जासूस सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर आईएसआई के संपर्क में थे। जासूस नारायण लाल गाडरी ने आईएसआई को मोबाइल सिम उपलब्ध कराने में मददगार था और सेना से संबंधित गोपनीय सूचना भी भेज रहा था। पाली की शराब की एक दुकान में सेल्समैन का काम करने वाला कुलदीप सिंह शेखावत एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर के संपर्क में था।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि कुलदीप सिंह शेखावत भारतीय सेना के जवानों से सोशल मीडिया पर दोस्ती करने के बाद उनसे गोपनीय सूचनाएं हासिल करता था और पाकिस्तानी महिला हैंडलर को भेजता था। दोनों को इस काम के पैसे मिल रहे थे। फिलहाल पुलिस इन दोनों जासूसों से पूछताछ में जुटी है। दोनों आरोपी जासूसी करने और अपने पाकिस्तानी आकाओं की मदद करने के एवज में पैसे ले रहे थे। बता दें अगर जासूसी के आरोप में कोई मुसलमान पकड़ा जाता तो उन्हें अबतक आतंकवादी घोषित कर दिया जाता। लेकिन अपराध करने वाले हिंदू है इसलिए उन्हें जासूस कहा जा रहा है।
उनके खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और आईटी अधिनियम, पीटीआई की रिपोर्ट के तहत अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। हाल ही में, जुलाई 2022 में, पाकिस्तान की एक महिला ISI एजेंट को कथित रूप से संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की CID-खुफिया शाखा द्वारा सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया गया था।