नई दिल्ली, असम के मोरीगांव में स्थित मदरसा जमीउल-हुदा पर बुलडोजर चलाया गया है। मदरसे को इसलिए ढहाया गया है क्योंकि जो इस मदरसे की देखरेख करते थे, उन्हें हाल ही में पुलिस ने आतंकी गतिविधि मे शामिल होने के आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
मदरसा संचालक का नाम मुफ़्ती मुस्तफा है, इन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बयान देते हुए सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि हम राज्य में 800 सरकारी मदरसों को पहले ही बंद कर चुके हैं। असम इस्लामी कट्टरपंथियों का अड्डा बनता जा रहा है। लेकिन राज्य में कई कौमी मदरसे हैं। नागरिकों और अभिभावकों को इन मदरसों पर नजर रखनी चाहिए और वहां किस तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं।
मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने बताया कि मुस्तफा का यह मदरसा मोइराबारी इलाके में था। उसे हाल ही में बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम और एक्यूआईएस के साथ उसके संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था।
दऱअसल दिल्ली से शुरू हुई बुल़डोजर की कार्रवाई असम तक पहुंच गई है, लेकिन इसका हिस्सा या मुसलमानों के घर है, या मदरसे। मुसलमानों को आरोप सबित होने से पहले ही आतंकी करार कर दिया जाता है।
बता दें इस मामले में पुलिस का कहना है कि मुफ्ती मुस्तफा के बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम और एक्यूआईएस से संबंध जुड़े है। वहीं आपदा प्रबंधन अधिनियम और यूएपीए अधिनियम के तहत मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया था। इस मदरसे में 43 छात्र पढ़ रहे थे, अब विभिन्न स्कूलों में दाखिला लिया गया है। हिंदुत्व कार्यकर्ताओं और/या पुलिस द्वारा हिंसा के अंत में पहले से ही एक समुदाय को दंडित करने के लिए मुस्लिम घरों और व्यवसायों को बुलडोजर से तोड़ दिया जाता है।
असम के मोरीगांव में स्थित मदरसा जमीउल-हुदा पर बुलडोजर चलवा दिया गया है। कुछ दिन पहले मदरसा संचालक मुफ़्ती मुस्तफा को आतंकी गतिविधि मे शामिल होने के आरोप मे गिरफ्तार किया गया था। इसी बीच असम के मुख्यमंत्री ने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही 800 मदरसों को बंद कर दिया गया है। pic.twitter.com/WpSE8YuwI6
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) August 4, 2022
इससे पहले 12 जुलाई को डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन ने एक्टिविस्ट विनीत बगरिया की खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी बैदुल्लाह खान का घर बुलडोजर से गिरा दिया था। बगरिया सात जुलाई को अपने आवास पर मृत पाए गए थे। इस मामले में असम पुलिस ने बैदुल्लाह खान, निशांत शर्मा, संजय शर्मा और एजाज खान पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। एक्टिविस्ट विनीत बगरिया ने खुदकुशी से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। इसमें दावा किया गया था कि उसे तीन लोगों ने धमकी दी।