नई दिल्ली: (اरुखसार अहमद) एनआइए ने अब दारुल-उलूम देवबंद के मदरसे में अपनी जांच शुरू की है। रविवार के दिन यहां एटीएस के साथ छापेमारी की गई। वही इस छापेमारी में एक छात्र को भी हिरासत में लिया था, लेकिन 8 घंटे की पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।
दरअसल अफ्रीकी मंजिल छात्रावास के कमरा नंबर 25 से रह रहे छात्र फारूख को हिरासत में लिया गया था। उसे गुप्त जगह लेकर करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई। इसके बाद छात्र को दारूल-उलूम देवबंद के जिम्मेदारों के हवाले कर दिया। हालांकि फारूख का मोबाइल, लैपटाप और कुछ कागजात को एनआइए अपने साथ ले गई है।
वहीं मीडिया में खबर चली है कि फारूख पर आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया) नामक संगठन से जुड़ा हुआ हो सकता है। खबरों के मुताबिक फारूख मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है और उसने कर्नाटक का आधार कार्ड बनवाया हुआ है। बताया गया है कि वह आइएसआइएस आतंकी संगठन के एक वाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ा हुआ था। एनआइए ने सभी सूचनाओं के बारे में छात्र से पूछताछ की है।
छात्र एक साल की दौरा-ए-हदीश की पढ़ाई कर रहा है। फारूख पर जो आरोप लगाए गए है वह कितने सही है, इस बात का खुलासा जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
फिलहाल फारूख को छोड़ दिया गया है, लेकिन उसका मोबाइल, लैपटाप और अन्य सामान एनआइए ने अपने कब्जे में लिया है। मोबाइल की चैट को रिकवर कराया जाएगा। इसके बाद एनआइए कभी भी फारूख से पूछताछ करने आ सकती है। इसलिए छात्र को दारूल-उलूम के जिम्मेदारों दे दिया है।
एनआइए ने छात्र फारूख से आठ घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद उसे छोड़ दिया। अब छात्र मदरसे में आ गया है। छात्र से सहारनपुर में ही पूछताछ की गई थी। एनआइ ने रविवार तड़के चार बजे दारूल-उलूम देवबंद के मदरसे में छापेमारी की थी।