नई दिल्ली:(रुखसार अहमद) यूपी के मथुरा में पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीरें कथित तौर पर कूड़ा गाड़ी में ले जाए जाने पर एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया। एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद नगर निगम के एक सफाईकर्मी को बर्खास्त कर दिया गया है। दरअसल मथुरा-वृंदावन नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने रविवार को बताया कि जनरलगंज क्षेत्र में कार्यरत सफाईकर्मी बॉबी द्वारा कूड़ा गाड़ी में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की तस्वीरें ले जाए जाने का वीडियो वायरल हुआ था।
तिवारी ने बताया कि सफाई कर्मचारी ने कूड़े से उन तस्वीरों को न निकाल कर गलती की है, जिस कारण उसकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं हैं। खबरों के मुताबिक, नगर निगम में संविदा पर कार्यरत 40 वर्षीय सफाईकर्मी बॉबी कूड़ा एकत्र कर रहे थे। साफ-सफाई करने के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर कूड़े में पड़ी थी, जिन्हें देख कुछ लोगों ने आपत्ति करते हुए बॉबी से लड़ना शुरू कर दिया।
इस पर दोनों पक्षों में झगड़ा होने लगा। तभी कुछ लोगों ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर बॉबी से कहकर तत्काल उन तस्वीरों को कूड़े की ट्रॉली से हटवा दिया, लेकिन तब तक किसी ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया जो वायरल हो गया।
A contractual worker at UP's Mathura Nagar Nigam was terminated after he was found carrying pictures of PM Narendra Modi and CM Yogi Adityanath among other dignitaries in his hand held garbage cart. pic.twitter.com/Jg2x3LW3Mk
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) July 17, 2022
दूसरी ओर, बॉबी का कहना है कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए कूड़ा इकट्ठा कर ट्रॉली में डाला था। कूड़े के साथ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी आ गईं तो इसमें उनकी क्या गलती है।
वहीं सफाईकर्मी बॉबी ने मीडिया बयान देते हुए बताया कि मेरी कोई गलती नहीं कुड़ा ज्यादा होने के कारण मैने ध्यान नहीं दिया, रोते हुए उसने अपनी नौकरनी वापस मांगने की गुहार लगाई है। उसने कहा मेरे छोटे-छोटे बच्चे है उनकी परवरिश कैसे की जाएगी।
बॉबी ने बताया, ‘कोई भी कार्रवाई शुरू करने से पहले कम से कम इस पर विचार करना चाहिए कि वास्तव में हुआ क्या और फिर तय करें कि मेरी गलती थी या नहीं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नगर निगम को दिए अपने अभ्यावेदन में सफाईकर्मी ने कहा है कि वह निर्दोष हैं, क्योंकि वह निरक्षर हैं और तस्वीरों को पहचान नहीं सके।
मामले में सफाई निरीक्षक और सफाई पर्यवेक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं कि उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों और जनप्रतिनिधियों की तस्वीरों के संबंध में सफाईकर्मी को हिदायत नहीं दी।
मथुरा के नगर निगम आयुक्त अनुनय झा ने मामले में एक फैक्ट-फाइंडिग टीम गठित कर दी है, जिसे 48 घंटों में रिपोर्ट सौंपने कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘इस टीम द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।