नई दिल्ली : (मेराज खालिद) पॉपुलर फ्रंट अररिया इकाई के द्वारा पटना पुलिस की झूठी और मनगढ़ंत कहानी के आधार पॉपुलर फ्रंट को बदनाम करने की कोशिश के विरोध में आज जीरो माइल चौक में विरोध प्रदर्शन किया ।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के द्वारा जारी किए गए बयान तथा दो लोगो की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं । प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम ने अपने बयान में कहा कि 11 जुलाई को गिरफ्तार कर तीन दिनों तक गैर कानूनी तरीके से पटना पुलिस ने दो लोगो को हिरासत में रखा और 13 जुलाई की शाम को दोनों को आतंकवाद से जोड़ दिया ।
गिरफ्तार अतहर परवेज एवं जलालुद्दीन पॉपुलर फ्रंट के सदस्य नही है। अतहर परवेज एक समाजसेवी तथा एसडीपीआई के पटना जिला महासचिव है जबकि जलालुद्दीन न तो एसडीपीआई से है और न ही पीएफआई से ।
पुलिस द्वारा जिस मकान का उल्लेख प्रेस बयान में किया गया है उस मकान का मालिक जलालुद्दीन है जिसे अतहर परवेज ने निजी तौर पर किराए पर लिया है। पटना पुलिस द्वारा पॉपुलर फ्रंट पर हथियार चलाने की ट्रैनिंग के आयोजन का आरोप लगाना तथा झूठे मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई करना किसी राजनीतिक षड्यंत्र की ओर इशारा करता है ।
ज्ञात हो कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया बिहार प्रदेश के द्वारा आने वाले 24 जुलाई को “सेव द रिपब्लिक” – “गणतंत्र बचाओ” के विषय पर श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। उपरोक्त कार्यक्रम को प्रभावित करने के उद्देश्य से पटना पुलिस द्वारा कारवाई कर सनसनी फैलाने की कोशिश की गई है। पटना पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने वाली कहानी पूर्णतः हास्यास्पद एवं भ्रामक है तथा पुलिस द्वारा जारी किए गए दस्तावेज पूर्णतः मनगढ़ंत व काल्पनिक है ।
पटना पुलिस की षड्यंत्रपूर्ण कार्रवाई से साफ संदेश मिल रहा है कि नीतीश सरकार पर भाजपा पूर्ण रूप से हावी हो चुकी है । अपने इस नकली कहानी को और भी ज्यादा प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पटना पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर रही है ।
जिला अध्यक्ष सरवर आलम कासमी ने कहा कि फ्रंट को बदनाम करने के उद्देश्य से बीजेपी आरएसएस के इशारे पर पटना एएसपी मनीष कुमार ने ये सारा षड्यंत्र रचा है । हम मनीष कुमार को तुरंत बर्खास्त करने की मांग करते है तथा पटना पुलिस कि इस अनैतिक व गैरकानूनी कारवाई का विरोध करते हैं । बिहार प्रदेश के सभी राजनैतिक दलों, समाजसेवी संगठनों तथा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से अपील करते है कि सरकार तथा पटना पुलिस की मुसलमानों को निशाना बनाकर किए जा रहे कार्रवाई का विरोध करें ।