नई दिल्ली:(रुखसार अहमद) कर्नाटक के शिवमोगा ज़िले में कथित बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने एक कन्नड़ नाटक को रोक दिया। नाटक रोकने की वजह यह रही की वह एक मुसलमान परिवार की दर्दनाक कहानी पर आधारित था।
इस नाटक को जाने-माने गीतकार जयंत कइकिनी ने लिखा है, जो जोसफ़ स्टेन की प्रसिद्ध ब्रॉडवे म्यूजिकल से ब्लॉकबस्टर बनी फ़िल्म ‘फ़िडलर ऑन द रूफ़’ का रूपांतरण है।
मूल फिल्म एक यहूदी परिवार पर केंद्रित है, हालांकि नाट्य रूपांतरण में इसे मुस्लिम परिवार की कहानी बना दिया गया। बीबीसी की खबर के मुताबिक नाटक में पुलिस अधिकारी के किरदार में दिखे थियेटर कलाकार कोत्रापा हिरेमागड़ी ने कहा कि, “उनका विरोध इस बात पर था कि, “यह नाटक मुसलमान परिवार पर ही केंद्रित क्यों है? कोत्रापा ने कहा, “मैं इसमें पुलिस का किरदार निभा रहा था।
मैं आख़िरी तीन अहम सीन के लिए तैयार हो रहा था और मूंछें लगा रहा था उस दौरान एक आयोजक की तरफ़ से मुझे लगातार कॉल्स आ रही थीं, मैंने उनसे कहा कि मैं उनसे नाटक ख़त्म होने के बाद बात करूंगा। मैं मंच पर जाने ही वाला था कि कुछ लोग स्टेज पर चढ़ कर नारेबाज़ी करने लगे।
कोत्रापा ने बताया, “मंच पर लड़की के पिता उसे विदा कर रहे थे और दर्शक इस सीन को देखकर रुआंसे हो रहे थे कि कुछ लोग स्टेज पर चढ़ कर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने लगे। उन्होंने हम में से किसी की बात सुनने से इनकार कर दिया।
शुरू में जो कलाकार मंच पर किरदार निभा रहे थे उन्हें यह नहीं समझ आया कि ये विरोध करने वाले कौन थे। कोत्रप्पा बताते हैं कि, “जब ये नाटक रोक दिया गया और दर्शकों को लौटने के लिए कहा गया तो हमें पता चला कि ये विरोध मुसलमान परिवार पर आधारित होने की वजह से हुआ। हमें बताया गया कि विरोध करने वाले बजरंग दल के थे”
ये कहानी बेकरी में काम करने वाले एक मज़दूर बड़े मियां पर आधारित थी, जिनकी तीन बेटियां थीं।नाटक का मंचन बीते कुछ दशकों में कर्नाटक के कई हिस्सों में हुआ है. 16 जून को इसका मंचन शिवमोगा क़स्बे में हुआ। इसे देखने के लिए क़रीब 800 लोग जुटे।