नई दिल्ली (रुखसार अहमद) झारखंड के रांची में पुलिस की गोली से मारे गए मुदस्सिर आलम को हम भुला नहीं सकते। प्रदर्शन के दौरान मासूम की मौत हो गई थी।
लेकिन अगर वह आज जिंदा तो कितना खुश होता। क्योंकि उसने झारखंड के दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 66.6 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। फर्सट डिविजन से पास होने वाला मुदस्सिर आलम इतने अच्छे नबंर लाकर शायद कुछ सपने होंगे जिन्हें वह पूरा करता।
मुसलमानों पर हो रहे जुल्म में मुदस्सिर आलम भी शिकार हुआ। बता दें, जाने कितने मुदस्सिर जैसे बच्चे लिंचिंग का शिकार हो रहे। लेकिन देश में मुसलमानों के प्रति नफरत खत्म नहीं हो रही।
झारखंड शिक्षा परिषद तरफ से घोषित परिणामों के अनुसार, आलम रांची के पुंदाग में लिटिल एंजल्स हाई स्कूल चारघरवा का छात्र था, उसने 500 में से 333 अंक हासिल किए। मुदस्सिर अंग्रेजी में 71, हिंदी में 64, उर्दू में 70, विज्ञान में 60, सामाजिक अध्ययन में 68 और गणित में 53 अंक मिले हैं।
बेटे का परिणाम जानने के बाद आलम की मां निकहत परवीन फूट-फूटकर रो पड़ीं। परवीन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, ”मेरा बेटा प्रथम श्रेणी में पास हुआ, लेकिन वो मारा गया।
आलम के चाचा शाहिद अयूबी ने कहा कि वो पढ़ाई में अच्छा था। अयूबी ने कहा कि, ”हम उसके लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद कर रहे थे.।वो परिवार का इकलौता बेटा था।