नई दिल्ली : हाल ही में 367वें तीन दिवसीय उर्स के दौरान ताजमहल पर लाखों की अनियंत्रित भीड़ के प्रवेश करने और सुरक्षा बलों की नाकामी को लेकर अदालत में शिकायत दर्ज किया है।
शिकायत उमेशचंद वर्मा द्वारा दर्ज किया गया है आरोप है कि तीन दिवसीय उर्स के दौरान लाखों की भीड़ ने ताजमहल के अंदर प्रवेश किया। जिसने ताजमहल की सुंदरता एवं सुरक्षा को तार-तार करते हुए वहां लगे फूल-पौधों, फव्वारे, जाली रेलिंग आदि को नुकसान पहुंचाया। आरोप यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके 1.25 लाख लोगों की भीड़ ने ताजमहल के अंदर प्रवेश किया और सीआईएसएफ़ के जावानों से भी बदसलूकी की।
उसी दौरान ताजगंज और फ़तेहाबाद की सड़कों पर भी काफ़ी जाम दिखा। अधीक्षण पुरातत्वविद आगरा के एक गलत फैसले से एतिहासिक इमारत को भारी क्षति पहुंची। तीन दिन तक ताजमहल को निशुल्क कर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाई।
बता दें कि इन तीन दिवसीय उर्स के लिए ताजमहल में अकीदतमंदों के प्रवेश को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने निशुल्क कर दिया था। जिस कारण ताजमहल में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अकीदतमंदों के अलावा टूरिस्ट भाड़ी संख्या में ताज के अंदर घुस गई।